अवतार मूवी में यह भी दिखाया जाता हैं पंडोरा ग्रह के लोग प्रकृति से बहुत जुड़े हुए होते हैं पेड़ों को पूजते हैं और उन्हें भगवान की तरह देखते हैं | यहां तक पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान भी देने को तैयार होते हैं |
पेड़ों को पूजने का यह कांसेप्ट भी सिर्फ सनातन संकृति में ही देखने को मिलता है | ऐसे कई पेड़ हैं जिन्हें आज भी हिंदू धर्म में पूजा जाता है जैसे की पीपल का पेड़, बरहगद का पेड़, तुलसी का पौधा इतियादी |
जहां तक पेड़ों को बचाने के लिए जान देने वाली बाद हैं तो ऐसी घटना भी आपको हमारी संस्कृति में ही देखने को मिलती है |
दोस्तों 1730 में राजस्थान के जोधपुर में बिसनोई नाम से एक जाति थी, जिनकें लिए खेजड़ी के पेड़ बहुत ही पूजनीय होते थे | ऐसे जब राजा द्वारा पेड़ो को कटने का आदेश दिया जाता है तो कई बिसनोई पेड़ों से चिपक कर खड़े हो जाते हैं लेकिन राजा के निर्दयी सिपाही पेड़ों के साथ ही उन्हें काट देते हैं |
इस सब में 363 बिसनोई मारे जाते हैं |
इसी घटना से प्रभावित होकर 1973 में
चिपको आंदोलन हुआ | जिसमें इंदिरा गांधी की सरकार के आदेश पर जंगलों को कांटा जा रहा था तब उत्तराखंड में पेड़ों को बचाने के लिए लोग पेड़ों से चिपककर खड़े हो गए जिससे जंगलों को कटने से बचाया जा सके |
इस सब में भी 27 महिलाओं ने पर्यावरण के लिए अपना बलिदान दे दिया |
इससे पता लगता हैं की सनातन संस्कृति में पर्यावरण की क्या अहमियत है | लेकिन जैसे जैसे हम हमारी संस्कृति से दूर जाते जा रहे हैं वैसे वैसे हम हमारे साथ साथ पर्यावरण के हालत भी बदसे बद्तर करते जा रहे हैं |
आज पेड़, नदियों, वायु, मिट्टी, अलग अलग प्रजातियों इतियादी को बचाने के लिए विश्व स्तर पर कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं, लेकिन सनातन संस्कृति में पहले ऐसा कभी अलग से करने की जरूरत नहीं पड़ी क्यों हमारी संस्कृति ने शुरू से ही हमें पर्यावरण को साथ रखकर कैसे आगे बढ़ा जाए के बारे में सिखाया है |
इसलिए जब आप सनातन संस्कृति को समझते हैं और जब इस मूवी को देखते हैं तो कहीं ना कहीं आपको सनातन संस्कृति का इसमें एहसास होता हैं | क्योंकि यह मूवी भी पर्यावरण को साथ लेकर जीवन जीने के तरीके पर जोर देती हैं |
5) Avatar 2 Movie के डायरेक्टर का सनातन धर्म से कनेक्शन