Sadhanapada | Sadhguru | Isha Yoga Center

Sadhanapada : सद्गुरु के आश्रम में रहने का सुनहरा अवसर (खर्चा : जीरो रूपये)

इस कार्यक्रम को ज्वाइन करनें के लिए आपको किसी भी तरह की कोई फीस नहीं देनी होती इसके साथ आपका खाना, पीना और रहना भी पूरी तरह से नि:शुल्क होता है | इस कार्यक्रम का नाम है साधनापद (Sadhanapada) जो की “गुरु पूर्णिमा से प्रारंभ होकर महाशिवरात्रि” पर संपन्न होता है

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which rudraksha is best

कौनसा रुद्राक्ष है आपके लिए सबसे बेहतर? Which Rudraksha is Best

कौनसा रुद्राक्ष है आपके लिए सबसे बेहतर? Which Rudraksha is Best? रुद्राक्ष (Rudraksha) और रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) के कई फायदे (Benefits) बताएं गए हैं जैसे कि…

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धीरेन्द्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री भी कुछ नहीं, इन 3 चमत्कारी संतों के आगे

वर्तमान में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कारों के चलते चर्चाओं में बने रहते है| भारतवर्ष हमेशा से संतो की धरती रही है| विश्व के ऐसे कई महान संतों ने यहां जन्म लिया जिन्होंने ना सिर्फ

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योग के प्रकार और लाभ : स्वामी विवेकानन्द

योग के प्रकार और लाभ : स्वामी विवेकानन्द

योग के प्रकार और लाभ जाने स्वामी विवेकानन्द से : स्वामी विवेकानन्द, भारतीय संस्कृति और धार्मिक तत्त्वों के प्रचारक थे जिन्होंने योग के महत्व को प्रमुखता दी|

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What is Spirituality

What is Spirituality with explanation | आध्यात्म क्या है ?

Know what is spirituality with explanation… आध्यात्म (Spirituality) का अर्थ है, अपने आप को जानना, पूरा – जानना (complete enquiry) | एक हैं जो दिख रहा है, एक है जो देख रहा है इन दोनों में से सबसे ज्यादा पास कौन है आपके? आध्यात्म (Spirituality) का अर्थ है, अपने आप को जानना, पूरा – जानना…

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ध्यान क्या है? What is Dhyana?

ध्यान (Dhyana) है मृत्यु – मन की मृत्यु, मैं की मृत्यु, विचार का अंत| शुद्ध चैतन्य हो जाना, मगर दुर्भाग्य से आज के इस मॉडर्न एरा में ऐसा ध्यान मुग्ध हो पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है| हज़ारो योग पुरुष आये और चले गए लेकिन इस संसार में ध्यान के महत्व को बहुत ही कम…

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Bhagavad Gita 6.6

Bhagavad Gita 6.6 || अध्याय ०६ , श्लोक ०६ – भगवद गीता

Bhagavad Gita 6.6 : भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं, जीवन में कुछ भी सार्थक करने के लिए मन पर नियंत्रण होना चाहिए। हर व्यक्ति के लिए यह दो संभावना है या तो मन पर उसका नियंत्रण होगा या फिर मन का नियंत्रण उस पर होगा, या तो तुम मन के सेवक होंगे या फिर मन तुम्हारा सेवक होगा। अब यह…Read More

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