रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha) आते ही करें ये जरूरी काम | सम्पूर्ण जानकारी

रुद्राक्ष दीक्षा / Rudraksh Diksha

रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha) आते ही करें ये जरूरी काम | सम्पूर्ण जानकारी |

रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha), हर महाशिवरात्रि के बाद सद्गुरु (Sadhguru) एवम ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) द्वारा लाखों की संख्या में निशुल्क भेंट की जाती है | रुद्राक्ष दीक्षा में आपको सद्गुरु द्वारा कई महत्वपूर्ण चीजें दी जाती हैं, जैसे की अभिमंत्रित किया गया रुद्राक्ष, अभिमंत्रित ईशा विभूति, अभय सूत्र एवम् आदियोगी जी की तस्वीर |

आइए जानते हैं रुद्राक्ष दीक्षा मिलने पर सर्वप्रथम क्या कार्य करना चाहिए एवम् रुद्राक्ष दीक्षा में मिलने वाली इन चीजों को किस प्रकार से सही से उपयोग में लेना  चाहिए  |

रुद्राक्ष दीक्षा / Rudraksh Diksha
रुद्राक्ष दीक्षा / Rudraksh Diksha

 सर्वप्रथम रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha) के पैकेट की चारों तरफ से जांच करें की पैकेट कहीं से डैमेज अर्थात कटा या फटा ना हो |
अगर रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha) का पैकेट आपको कहीं से डैमेज मिलता है तो आप इस रुद्राक्ष दीक्षा (Rudraksha Diksha) का उपयोग ना करें | आप दी गई मेल आईडी या फोन नंबर पर संपर्क करके इसकी जानकारी ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) को दे, जिससे आप यह रुद्राक्ष दीक्षा का पैकेट रिटर्न करके दूसरी दीक्षा पा सकते हैं |

rudrakshadiksha.support@mahashivarathri.org

Phone number : 0444 7611911

पैकेट की जांच के बाद बड़ी  सावधानी से पैकेट को खोलें और खोलते समय कैंची का इस्तेमाल ना करें इससे अंदर रखी आदियोगी जी की तस्वीर या अन्य चीजें Damage हो सकती हैं इसलिए रुद्राक्ष दीक्षा के पैकेट को हाथों से ही खोलें |

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3) यह पैकेट है ईशा विभूति का|
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2) इसके बाद यह छोटा सा पैकेट है जिसमें है अभय सूत्र|
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1) रूद्राक्ष दीक्षा को खोलने पर हमें मिलती है, आदियोगी जी की यह तस्वीर |
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4) यह पैकेट है रुद्राक्ष का जिसमें दो रुद्राक्ष हैं|

यह सब चीजें सावधानी से बाहर निकालने के बाद अब हम आपको बताते हैं की किस चीज उपयोग आपको किस प्रकार से करना है जिससे आप ज्यादा से ज्यादा फायदा रुद्राक्ष दीक्षा से लेकर अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण कर सकें |

1) सर्वप्रथम बात करते हैं आदियोगी जी की इस एक तस्वीर की | इस तरह की एक मूर्ति आपने ईशा योग केंद्र में भी देखी होगी जो की 112 ft (फीट) ऊंची है| 
योगिक संस्कृति में भगवान शिव को ही आदियोगी कहा जाता है अर्थात ब्रह्माण्ड के प्रथम योगी |
इसलिए आदियोगी जी की इस छवि को आप उस जगह लगा सकते जहां आप योग, ध्यान या किसी तरह की साधना करते हैं या आप इसे अपने पूजा स्थल में भी लगा सकते हैं |
इसे लगाने के लिए पूर्व दिशा अर्थात ईस्ट (East) डायरेक्शन सबसे उत्तम रहेगी |

ये है वो जरूरी काम जो रुद्राक्ष दीक्षा आने पर करने चाहिए |

2) इसके बाद हम बात करते हैं ईशा विभूति की |

ईशा विभूति एक पवित्र राख होती है जिसे भी ध्यान लिंगा में रख कर सकारात्मक ऊर्जा से आवेशित किया जाता है | सुबह स्नान करने के बाद इसे आपको अंगूठे और अनामिका अर्थात रिंग फिंगर का इस्तेमाल करके सबसे पहले aagay चक्र पर फिर विस्शुद्दी चक्र पर और फिर अनाहत चक्र पर लगाना होता है|

3) इसके बाद नंबर आता है अभय सूत्र का |
यह एक काले रंग का कॉटन का धागा होता है, जैसा इसके नाम से ही पता लगता है इसका कार्य मन से भय को दूर करना होता है |

इसे ईशा योग केंद्र में मौजूद ध्यान लिंगा में कुछ समय के लिए रख कर सिद्ध किया जाता है| इसे महिलाओं को बाए हाथ अर्थात left hand की कलाई पर धारण करना चाहिए और पुरुषों को दाएं हाथ अर्थात right hand की कलाई पर धारण करना चाहिए |

इसे आप कम से कम 40 दिन तक इसी तरह धारण करके रखें अगर धारण करने के बाद यह टूट जाता है या किसी अन्य तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है तो आप इसे कैची से कभी ना काटें | आप इसे हाथों से तोड़ कर या तो गीली मिट्टी में दबा दें या फिर पेड़ की किसी ऐसी शाखा के बांध दे जिसमें फूल या फिर कोई फल आ रहा हो|
आप चाहें तो इसे जला कर इसकी राख को ईशा विभूति की तरह भी शरीर पर लगा सकते हैं |

4) अब आखिर में बात करते हैं रुद्राक्ष की, रुद्राक्ष दीक्षा में आपको दो, 5 मुखी रुद्राक्ष मिलते हैं | सबसे पहले जांचे की रुद्राक्ष सही स्थिति में हो अगर रुद्राक्ष कही से डैमेज मिलता है या इस पर कोई दरार मिलती तो इसका इस्तेमाल ना करें |

रुद्राक्ष दीक्षा में मिलने पर एक ही रुद्राक्ष को आपको धारण करना होता है | दूसरे रुद्राक्ष को आप किसी अन्य व्यक्ति को धारण करने के लिए दे सकते हैं |

रुद्राक्ष मिलने के बाद आपको इसे 24 घंटे के लिए देसी घी में डूबो कर फिर 24 घंटे के लिए High Fat वाले दूध में भिगोकर रखना होता है | इसके बाद आप इसे साफ पानी से धो कर और साफ करके इसे आप आपने गले में धारण कर सकते हैं |
आपको इसे हर 6 महीने में इसी तरह से साफ करना होता है |

धारण करने के लिए आप, काला, पीला या लाल रंग के कॉटन के धागे का इस्तेमाल करें या फिर आप इसे कॉपर की पतली चेन में डाल कर भी धारण कर सकते हैं |
धारण करने के बाद नहाते समय आप इसे उतार कर रखें जिससे यह साबुन या अन्य तरीके के केमिकल के सम्पर्क में ना आएं |

पाँच मुखी रुद्राक्ष की तरह कई अन्य मुखी रुद्राक्ष भी आते हैं अगर आप जानना चाहते हैं की कौनसा मुखी रुद्राक्ष किस व्यक्ति के लिए सबसे उत्तम है तो उसके लिए आप नीचे दी गई विडियो को देख सकते हैं|

अगर आप उन में से हैं जो प्राकृतिक और सर्टीफाइड रुद्राक्ष माला या फिर कृष्ण भक्तों की प्रिय वैजन्ती माला या तुलसी माला धारण करना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट mygyanalaya.in पर जाकर कर ले सकते हैं |

यहां आपको फ्री डिलीवरी के साथ निशुल्क पंडित जी हेल्पलाइन भी मिलती जो आपकी सहायता करती हैं इन चीजों को सही से धारण करने में |

|| जय श्री राम ||