जगन्नाथ पुरी मंदिर के 7 ऐसे रहस्य जिनके आगे आज का विज्ञान भी सिर झुकाता है 

जगन्नाथ पुरी का मंदिर अपने अद्भुत रहस्यों और चमत्कारों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह मंदिर हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है, और इसका संबंध भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा से है। इस मंदिर से जुड़े रहस्यों ने इसे न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनाया है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसे एक रहस्यमयी स्थल माना जाता है। 

जगन्नाथ पूरी मंदिर का इतिहास क्या है?

जगन्नाथ पुरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में गंग वंश के शासक अनंतवर्मन ने करवाया था। अनंतवर्मन जो पहले शिव के भक्त थे, उत्कल प्रदेश को जीतने के बाद विष्णु के अनुयायी बन गए और फिर जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया। यह मंदिर अपने विशाल आकार, अद्वितीय संरचना और पवित्रता के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य हैं जो इसे और भी अनोखा बनाते हैं।

1. मूर्तियों का रहस्य

जगन्नाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां लकड़ी से बनी होती हैं। हर 12 साल में इन मूर्तियों को बदलने की परंपरा है। इस प्रक्रिया को ‘नवकलेवर’ कहा जाता है। 

मूर्तियों को बदलने की यह प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय होती है। जब मूर्तियां बदली जाती हैं, तो पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है, और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होती, यहां तक कि जो पुजारी यह कार्य करते हैं, उनकी आंखों पर पट्टी बांधी जाती है ताकि वे कुछ न देख सकें। 

इस पूरी प्रक्रिया का सबसे रहस्यमय हिस्सा तब आता है जब पुजारी पुरानी मूर्ति से ‘ब्रह्म पदार्थ’ निकालते हैं और उसे नई मूर्ति में स्थानांतरित करते हैं। यह ब्रह्म पदार्थ क्या है, इसका रहस्य आज तक उजागर नहीं हुआ है। मान्यता है कि यह भगवान श्रीकृष्ण का हृदय है, जो उनके मृत्यु के बाद भी जीवित रहा और आज भी धड़क रहा है। जो भी व्यक्ति इसे देखता है, उसकी मृत्यु तुरंत हो जाती है, इसलिए इसे अत्यधिक गोपनीयता में रखा जाता है।

2. रहस्यमय समुन्द्र ध्वनियाँ

जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में एक और रहस्यमयी तथ्य यह है कि जब कोई व्यक्ति मंदिर के सिंह द्वार से प्रवेश करता है, तो समुद्र की लहरों की आवाज अचानक बंद हो जाती है। जबकि समुद्र मंदिर के बहुत पास है, जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं, लहरों की कोई आवाज सुनाई नहीं देती। लेकिन जैसे ही आप मंदिर से बाहर आते हैं, लहरों की आवाज फिर से सुनाई देने लगती है। यह तथ्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।

3. पक्षियों और विमानों का न उड़ना

जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं उड़ता और न ही कोई पक्षी मंदिर के शिखर पर बैठता है। इसी कारण से इस क्षेत्र में विमानों या हेलीकॉप्टरों को उड़ने की अनुमति नहीं दी जाती। यह तथ्य भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आज तक समझा नहीं जा सका है कि आखिर क्यों मंदिर के ऊपर कोई पक्षी या विमान नहीं उड़ता।

4. शिखर की परछाई का न बनना

जगन्नाथ पुरी मंदिर की मुख्य शिखर की परछाई दिन के किसी भी समय धरती पर नहीं पड़ती। यह एक अद्भुत तथ्य है, क्योंकि इतनी विशाल संरचना होने के बावजूद उसकी छाया का न बनना एक रहस्य है। मंदिर का शिखर काफी ऊँचा है, और दिन के किसी भी समय इसकी परछाई नहीं बनती।

5. झंडे का रहस्य

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक विशाल झंडा हर दिन बदला जाता है। इस झंडे के साथ एक रहस्यमय तथ्य यह भी जुड़ा है कि यह हवा के विपरीत दिशा में उड़ता है। जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से झंडा हमेशा हवा की दिशा में उड़ना चाहिए, पर यहाँ ऐसा नहीं होता। इस रहस्य को भी अभी तक कोई हल नहीं कर पाया है।

6. रसोई का चमत्कार

जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में से एक मानी जाती है। यहां हर दिन हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है। सबसे रोचक बात यह है कि इस रसोई में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती और न ही भोजन व्यर्थ जाता है। यहां बना प्रसाद श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से हमेशा पर्याप्त होता है। लेकिन जैसे ही मंदिर के द्वार बंद होने का समय आता है, प्रसाद भी खत्म हो जाता है। इस रहस्य को भी किसी ने आज तक समझा नहीं है।

इसके अलावा, रसोई में एक और अद्भुत घटना घटती है। प्रसाद बनाने के लिए सात बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं। सबसे ऊपर रखा बर्तन सबसे पहले पकता है, जबकि सबसे नीचे रखा बर्तन सबसे अंत में पकता है। यह घटना भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से असंभव मानी जाती है, लेकिन यह जगन्नाथ मंदिर की अद्वितीयता का एक और उदाहरण है।

7. सुदर्शन चक्र का रहस्य

मंदिर के शिखर पर स्थित सुदर्शन चक्र भी एक अद्भुत चमत्कार है। इस चक्र की विशेषता यह है कि इसे किसी भी दिशा से देखा जाए, ऐसा लगता है कि इसका मुख आपकी ओर है। यह चक्र भक्तों के लिए भगवान जगन्नाथ की सर्वव्यापी उपस्थिति का प्रतीक है।

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इन तमाम रहस्यों के बावजूद, जगन्नाथ पुरी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर की मायाएँ और इसके चमत्कार आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करते हैं, और यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु हर साल यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं।

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|| जय श्री कृष्णा ||

 

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