Main Itni Sundar Hu kya karu? प्रेमानंद जी महाराज से जानें Viral Meme का बहुत ही सुन्दर और गहरा जवाब

Main Itni Sundar Hu kya karu? प्रेमानंद जी महाराज से जानें Viral Meme का बहुत ही सुन्दर और गहरा जवाब

Main Itni Sundar Hu kya karu? प्रेमानंद जी महाराज से जानें Viral Meme का बहुत ही सुन्दर और गहरा जवाब

Main Itni Sundar Hu kya karu : आज के दौर में Social Media पर एक Viral Meme चल रहा है: “Main Itni Sundar Hu kya karu” इस सवाल ने कई लोगों को हंसने पर मजबूर किया, लेकिन जब इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह सवाल हमारी आंतरिक और बाहरी सुंदरता की समझ पर गहरा प्रभाव डालता है। प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने इस प्रश्न का जवाब बहुत ही सरल और गहरे आध्यात्मिक तरीके से दिया, जो हमें हमारे जीवन में संयम और भक्ति का महत्व सिखाता है।

सुंदरता का मोह

महाराज जी बताते हैं कि जब हम अपने शरीर के प्रति अधिक आसक्त हो जाते हैं, तो यह हमारे अंदर कामनाओं को जन्म देता है। सुंदरता की लालसा केवल एक बाहरी दिखावा है, जो हमारी आंतरिक शांति और भक्ति के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर सकती है। यदि हम बार-बार अपने चेहरे या शरीर को दर्पण में देखकर स्वयं को सुंदर मानने लगते हैं, तो यह आसक्ति बढ़ने लगती है। इससे न केवल हमारे भीतर, बल्कि दूसरे लोगों के मन में भी कामनाएं पैदा होती हैं। महाराज जी इस बात पर जोर देते हैं कि बाहरी श्रृंगार और सजावट हमें केवल क्षणिक आकर्षण देती है, लेकिन यह भक्ति मार्ग को ढक सकती है।

असली सुंदरता

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि यदि आप गृहस्थ जीवन में हैं, तो उचित श्रृंगार और पहनावा आवश्यक है। लेकिन इसमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह बनावटीपन की ओर न जाए। ऐसा श्रृंगार न करें, जो आपके मन में या दूसरों के मन में कामनाएं उत्पन्न करे। गृहस्थ जीवन में संयमित श्रृंगार और आचरण आवश्यक है, ताकि भक्ति के मार्ग पर स्थिरता बनी रहे। सुंदरता का असली अर्थ केवल बाहरी श्रृंगार नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और संतोष से होता है।

ऐसे मिलेगी असली और सच्ची सुंदरता

महाराज जी के अनुसार, सच्ची सुंदरता वह है, जो भजन और संयमित जीवन से उत्पन्न होती है। जब हम संयम के साथ जीवन जीते हैं और भगवान का भजन करते हैं, तो हमारे चेहरे पर एक प्राकृतिक लावण्य उत्पन्न होता है। यह सुंदरता किसी भी बाहरी श्रृंगार से अधिक गहरी और स्थायी होती है। जो लोग भक्ति के मार्ग पर चलते हैं, उनके चेहरे पर वह आभा होती है, जो देखने वालों के मन में निष्कामता उत्पन्न करती है। ऐसी सुंदरता किसी भी प्रकार की वासना या इच्छाओं को नहीं जन्म देती, बल्कि शांति और संतोष का संचार करती है।

बनावटी सुंदरता के नुकसान

महाराज जी बताते हैं कि बाहरी बनावट केवल एक दिखावा है, जो हमें अस्थायी रूप से अच्छा महसूस करवा सकती है। लेकिन जब हम इसे बार-बार दोहराते हैं, तो हमारे मन में अहंकार और कामनाएं बढ़ने लगती हैं। इसके विपरीत, जब हम सत्य मार्ग पर चलते हैं और सात्विक जीवन जीते हैं, तो हमारी आंतरिक शुद्धता ही हमारी सच्ची सुंदरता बन जाती है। यह वह सुंदरता है, जिसे देखने पर एक अलौकिक सुख की अनुभूति होती है।

Main Itni Sundar Hu kya karu? प्रेमानंद जी महाराज से जानें Viral Meme का बहुत ही सुन्दर और गहरा जवाब

भक्तों के लिए विशेष

प्रेमानंद महाराज इस बात पर भी जोर देते हैं कि भक्ति मार्ग पर चलने वालों के लिए सात्विक वेशभूषा और आचरण महत्वपूर्ण हैं। हमारी वेशभूषा और श्रृंगार का सीधा प्रभाव हमारे चित्त पर पड़ता है। यदि हम सात्विक पहनावा धारण करेंगे, तो हमारा मन भी सात्विक होगा, और यदि हम बनावटी श्रृंगार करेंगे, तो हमारे मन में वासनाएं और कामनाएं उत्पन्न होंगी। इसलिए, भक्ति के मार्ग पर हमें अपने आचरण और वेशभूषा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

असली सुंदरता की निशानी

महाराज जी के अनुसार, सच्ची सुंदरता वह होती है, जो निष्काम होती है। जब हम भगवान का भजन करते हैं, संयम से जीवन जीते हैं, और अपने धर्म का पालन करते हैं, तो हमारे विचार, वाणी, और नेत्र सभी सुंदर हो जाते हैं। ऐसी सुंदरता न केवल हमें भगवान के समीप लाती है, बल्कि दूसरों के मन में भी शांति और संतोष का संचार करती है।

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निष्कर्ष

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, Viral Meme “Main Itni Sundar Hu kya karu?” का उत्तर यह है कि हमें अपनी सुंदरता पर गर्व नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे संयम और भक्ति के मार्ग में बदलना चाहिए। बाहरी बनावट और श्रृंगार केवल अस्थायी होते हैं, लेकिन आंतरिक शुद्धता और भगवान की भक्ति से उत्पन्न सुंदरता सच्ची और स्थायी होती है। इसलिए, हमें अपने जीवन में संयम, भक्ति, और सात्विकता को अपनाना चाहिए, ताकि हम सच्चे अर्थों में सुंदर बन सकें।