ग्रेट खली और प्रेमानन्द जी महाराज की वार्ता का सारांश
ग्रेट खली, जो विश्व रेसलिंग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई बार वर्ल्ड चैंपियन बने हैं, महाराज जी से मिलने आए। प्रेमानन्द जी महाराज ने खली की उपलब्धियों की प्रशंसा की और उन्हें याद दिलाया कि शारीरिक शक्ति और प्रसिद्धि अस्थायी हैं। उन्होंने खली को भगवान का नाम जपने की सलाह दी, ताकि जीवन सार्थक बन सके।
अध्यात्मिक मार्गदर्शन
प्रेमानन्द जी महाराज ने खली को सत्संग सुनने की प्रेरणा दी और बताया कि सत्संग हमारे जीवन को महान बना सकता है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि असली चीज़ की खोज में नकली से भी मिलना होता है, लेकिन असली का पता चलने पर जीवन का परिवर्तन निश्चित होता है।
सत्य की खोज
महाराज जी ने बताया कि सत्य कभी पैसे से नहीं बिकता और जो पैसे से मिलता है, वह सत्य नहीं हो सकता। उन्होंने खली को नाम जपने की सलाह दी, चाहे वह भगवान का कोई भी नाम हो, जो उन्हें प्रिय हो। नाम जप से आत्मा में दिव्यता और शक्ति का उदय होता है।
साधना और परमात्मा की प्राप्ति
महाराज जी ने समझाया कि भगवान को पाने की प्रक्रिया साधना और संत महात्माओं के मार्गदर्शन से होती है। जैसे दूध में घी होता है, लेकिन उसे निकालने की प्रक्रिया होती है, वैसे ही भगवान की प्राप्ति के लिए साधना की आवश्यकता है। उन्होंने खली को एक नाम चुनकर उसे निरंतर जपने की सलाह दी।
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जीवन में कर्म और नाम जप
प्रेमानन्द जी महाराज ने बताया कि शुभ और अशुभ कर्म दोनों ही जीवन में होते हैं, लेकिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए नाम जप जरूरी है। उन्होंने खली को बताया कि चाहे वे कितने भी माला जपें, मुख्य उद्देश्य भगवान का स्मरण होना चाहिए।
अंतिम सलाह
महाराज जी ने खली को 10 से 20 मिनट प्रतिदिन नाम जपने की सलाह दी और बताया कि इससे जीवन में सत्य वस्तु की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि श्वास की माला से नाम जपने का अभ्यास करना चाहिए ताकि भगवान की निश्चित प्राप्ति हो सके।
निष्कर्ष
इस वार्ता में महाराज जी ने ग्रेट खली को जीवन के अस्थायी पहलुओं से परे देखने और भगवान के नाम जपने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि असली अध्यात्मिक मार्ग साधना और सत्य की खोज से होता है, और इसे पाने के लिए निरंतर प्रयास और भगवान के नाम का स्मरण आवश्यक है।
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