असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) की पहचान करने से पहले ये 5 बातें जरूर जान लें

असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) की पहचान करने से पहले ये 5 बातें जरूर जान लें

असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) की पहचान करने से पहले ये 5 बातें जरूर जान लें

एक असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल आध्यात्मिक जागरूकता और साधना का एक उपकरण है, बल्कि इसे धारण करने वाले के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक शांति लाने का भी एक सशक्त साधन माना जाता है। प्राचीन शास्त्रों और पुराणों में इसके महत्व का वर्णन किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रुद्राक्ष कोई साधारण बीज या आभूषण नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी बड़ा महत्व है।

प्राचीन शास्त्रों में रुद्राक्ष

रुद्राक्ष का उल्लेख कई प्राचीन शास्त्रों में मिलता है, जैसे कि शिव पुराण और देवी भागवत पुराण। शिव पुराण के विदेश्वर संहिता (अध्याय 23) में रुद्राक्ष की उत्पत्ति का विस्तृत वर्णन है। इसके अनुसार, भगवान शिव ने अपनी तपस्या के दौरान जो आंसू गिराए, वे रुद्राक्ष के पेड़ के रूप में विकसित हुए। इसी प्रकार देवी भागवत पुराण के 11वें खंड (अध्याय 3-5) में भी रुद्राक्ष का विशेष उल्लेख मिलता है, जिससे यह साबित होता है कि प्राचीन समय से ही रुद्राक्ष का महत्व अत्यधिक रहा है।

सनातन धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से दो पुराण विशेष रूप से रुद्राक्ष पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसका अर्थ है कि रुद्राक्ष को केवल एक साधारण बीज या आभूषण नहीं माना गया, बल्कि इसे मानवता की आध्यात्मिक प्रगति का महत्वपूर्ण साधन समझा गया है।

असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) कहाँ मिलता है?

रुद्राक्ष का भौतिक रूप में अध्ययन करने पर पता चलता है कि यह एक फल का बीज होता है। रुद्राक्ष का पेड़ मुख्य रूप से नेपाल के अरुण घाटी में पाया जाता है। यह क्षेत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहाँ की जलवायु, मिट्टी और ऊर्जा ही रुद्राक्ष के सही विकास के लिए उपयुक्त होती है। इसके अलावा, रुद्राक्ष भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी उगाया जाता है, लेकिन नेपाली रुद्राक्ष को आध्यात्मिक दृष्टि से सबसे अधिक शक्तिशाली और प्रभावी माना जाता है।

रुद्राक्ष के मुख (फेस) होते हैं, जिन्हें मुखी कहा जाता है। रुद्राक्ष के मुखियों की संख्या उसके महत्व, शक्ति और प्रभाव को निर्धारित करती है। 5 मुखी रुद्राक्ष सबसे सामान्य होते हैं, जिन्हें अक्सर सामान्य व्यक्ति धारण करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे मुखियों की संख्या बढ़ती है, उसकी दुर्लभता और आध्यात्मिक ऊर्जा भी बढ़ती जाती है।

रुद्राक्ष क्या काम आता है?

एक असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) को सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण साधन (टूल) माना गया है, जिसका उपयोग व्यक्ति की साधना (ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास) को गहरा करने के लिए किया जाता है। यह तीन प्रमुख साधनों के रूप में कार्य करता है:

1. मंत्र साधना: रुद्राक्ष का उपयोग विशेष रूप से मंत्रों का जाप करते समय किया जाता है। यह ध्यान और मंत्र साधना के दौरान मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक होता है। रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है और ऊर्जा केंद्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

2. तंत्र साधना: तंत्र साधना में, जो कि शरीर और ऊर्जा के विभिन्न केंद्रों (चक्रों) के संतुलन से संबंधित है, रुद्राक्ष को एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। यह ध्यान और ऊर्जा साधना के दौरान व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करने और नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद करता है। तंत्र साधना के दौरान, रुद्राक्ष एक ऐसा साधन बनता है जो व्यक्ति की ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करता है।

3. यंत्र (रक्षात्मक उपकरण): रुद्राक्ष को एक रक्षात्मक उपकरण के रूप में भी धारण किया जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से बचा रहता है और उसके चारों ओर एक ऊर्जा कवच बन जाता है। विशेष रूप से उच्च मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ भौतिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।

असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) के क्या लाभ हैं?

रुद्राक्ष के कई भौतिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं। भौतिक स्तर पर, रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह रक्तचाप (BP) को नियंत्रित करने, तनाव को कम करने और मानसिक शांति को बढ़ाने में सहायक होता है।

आध्यात्मिक स्तर पर, रुद्राक्ष का धारण करना व्यक्ति के आध्यात्मिक मार्ग पर उसकी प्रगति को तेज करता है। यह ध्यान, साधना और आत्म-साक्षात्कार में मदद करता है। साथ ही, रुद्राक्ष भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति में भी सहायक होता है।

असली रुद्राक्ष कैसे पहचाने?

आजकल रुद्राक्ष की बढ़ती मांग के चलते बाज़ार में नकली रुद्राक्ष भी बहुतायत में उपलब्ध हैं। खासतौर पर, नेपाली रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होते हैं और इसलिए इनकी कीमत भी अधिक होती है। नकली रुद्राक्ष को पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि वे दिखने में असली जैसे होते हैं। नकली रुद्राक्ष अक्सर नकली मुखियों को उकेर कर बनाए जाते हैं, जो असली रुद्राक्ष की तरह दिखते हैं लेकिन उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा नहीं होती।

नकली रुद्राक्ष की पहचान के लिए कुछ मानक प्रक्रियाएं होती हैं। उदाहरण के लिए, एक्स-रे के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि रुद्राक्ष के अंदर जितनी मुखियां दिखती हैं, उतनी ही कक्ष भी हैं या नहीं। एक असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) में इस बात का भी ध्यान रखें की उसमें किसी भी तरह की दरार ना हो जैसी की यहाँ दिखाई है। 

Real Rudraksha

इस तरह के रुद्राक्ष खंडित रुद्राक्ष की श्रेणी में आते हैं। इसलिए इन्हें धारण करने से बचना चाहिएइसके अलावा, प्रतिष्ठित विक्रेताओं से रुद्राक्ष खरीदने पर प्रमाण पत्र भी दिए जाते हैं, जिससे उसकी प्रामाणिकता सुनिश्चित होती है। अगर आप रुद्राक्ष Online खरीदना चाहते हैं तो आप यहाँ [असली रुद्राक्ष खरीदें] क्लिक करके खरीद सकते हैं। यहाँ से आपको एक असली प्राकृतिक और प्रामाणिक रुद्राक्ष तो मिल ही जाएगा साथ में यहाँ आपको निशुल्क पंडित जी हेल्पलाइन भी मिलेगी, जिससे की आप खरीदे गए रुद्राक्ष का सही से उपयोग कर सकें

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निष्कर्ष

एक असली रुद्राक्ष (Real Rudraksha) एक अत्यंत शक्तिशाली और अद्वितीय साधन है, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है, बल्कि भौतिक जीवन में भी संतुलन लाता है। इसके धारण करने से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहता है, और उसकी साधना में गहराई और एकाग्रता आती है।