अम्बिकापुर हनुमान जी की मूर्ति : तेजी से बढ़ रही है इस मूर्ति की लंबाई। देखने वाले सभी हैरान

हनुमान जी की मूर्ति अम्बिकापुर

अम्बिकापुर हनुमान जी की मूर्ति : तेजी से बढ़ रही है इस मूर्ति की लंबाई। देखने वाले सभी हैरान

अम्बिकापुर हनुमान जी की मूर्ति : हमारी भारतीय संस्कृति में अनेक रहस्यमयी और चमत्कारी धार्मिक स्थल हैं, जो सदियों से लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र रहे हैं। इन्हीं में से एक स्थान है छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर का लमगांव, जहाँ स्थित हनुमान जी का मंदिर आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति का आकार समय के साथ बढ़ रहा है, जिससे यह स्थल भक्तों के लिए श्रद्धा और चमत्कार का प्रतीक बन गया है।

चमत्कारी हनुमान जी की मूर्ति का इतिहास

यह चमत्कारी मंदिर वर्ष 1995 में स्थापित किया गया था। इस मंदिर की स्थापना के पीछे की कहानी भी उतनी ही रहस्यमयी है जितनी कि यहाँ की हनुमान जी की मूर्ति। कहा जाता है कि एक साधु, जिनका नाम त्रिवेणी बाबा था, उन्हें सपने में हनुमान जी के दर्शन हुए। 

हनुमान जी ने उनसे कहा कि वे एक वृक्ष में फंसे हुए हैं और उन्हें बाहर निकालने की आवश्यकता है। पहले तो बाबा ने इस सपने को नजरअंदाज किया, लेकिन जब यह सपना बार-बार आने लगा, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेना शुरू किया। उन्होंने यह बात गाँव के लोगों को बताई, लेकिन शुरुआत में किसी ने उन पर विश्वास नहीं किया।

फिर, एक दिन बाबा ने संकल्प लिया कि वे उस वृक्ष को काटेंगे, चाहे कुछ भी हो। जब बाबा ने पेड़ को काटना शुरू किया, तो गाँव के लोग भी वहाँ इकट्ठा हो गए। पेड़ कटते ही सबकी आँखें फटी रह गईं, क्योंकि पेड़ के अंदर से वास्तव में हनुमान जी की मूर्ति प्रकट हुई। यह देखकर पूरा गाँव श्रद्धा में डूब गया और उसी स्थान पर हनुमान जी के मंदिर की स्थापना की गई।

हनुमान जी की मूर्ति का आकार कैसे बढ़ रहा है?

इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि हनुमान जी की मूर्ति का आकार समय के साथ बढ़ रहा है। जब मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया था, तब इसका आकार मात्र एक से डेढ़ फुट था। लेकिन समय के साथ, यह मूर्ति धीरे-धीरे बढ़ती गई और अब इसकी ऊँचाई लगभग तीन से चार फुट हो चुकी है। यह चमत्कार न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच भी आस्था और आश्चर्य का विषय बना हुआ है।

अखंड रामचरितमानस पाठ और रामायण का महत्व

इस मंदिर की एक और खास विशेषता यह है कि यहाँ लगातार 24 घंटे रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। यह पाठ पिछले कई वर्षों से निरंतर जारी है। इस पाठ को करने के लिए चार पुजारियों को नियुक्त किया गया है, जो बारी-बारी से तीन घंटे तक पाठ करते हैं। रामचरितमानस के पाठ के साथ-साथ यहाँ अखंड दीप भी जलता रहता है, जो रामायण के महत्व और श्रद्धा को दर्शाता है।

मंगलवार और शनिवार के दिन यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, क्योंकि इन दिनों को हनुमान जी का विशेष दिन माना जाता है। इन दिनों भक्तों की आस्था और श्रद्धा अपने चरम पर होती है, और यहाँ भंडारे का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें सैकड़ों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं।

मंदिर की अन्य विशेषताएँ

हनुमान जी के इस चमत्कारी मंदिर के सामने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्तियों के साथ राम दरबार भी स्थापित है। यहाँ राधा-कृष्ण की मूर्तियाँ भी हैं, जो इस स्थान की धार्मिक महत्ता को और भी बढ़ाती हैं। राम दरबार की दीवारों पर रामायण के सुंदर चित्र उकेरे गए हैं, जो भक्तों को भगवान राम के जीवन से जुड़ी कथाओं का स्मरण कराते हैं।

अम्बिकापुर हनुमान मंदिर तक कैसे पहुँचे?

अगर आप भी इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह मंदिर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नेशनल हाईवे 43 से होते हुए आप लमगांव मंदिर के पहले द्वार तक पहुँच सकते हैं, जो मुख्य सड़क से लगभग ढाई किलोमीटर अंदर है। यहाँ आप अपने दो या चार पहिया वाहन से आसानी से पहुँच सकते हैं। इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं, और यहाँ आने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है, ऐसा यहाँ के भक्तों का विश्वास है।

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निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ के लमगांव स्थित हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ की चमत्कारी हनुमान जी की मूर्ति श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है। यह हनुमान जी की मूर्ति लोगों के मन में आस्था, विश्वास और भक्ति को जागृत करती है। अगर आप कभी छत्तीसगढ़ की यात्रा पर जाएं, तो इस अद्भुत और चमत्कारी स्थल के दर्शन करना न भूलें। हनुमान जी की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होंगी।

|| जय श्री राम ||

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