सातमुखी रुद्राक्ष के लाभ (7 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi), विधि और महत्व: सातमुखी रुद्राक्ष का परिचय
सातमुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi) , जो सात मुखों वाला होता है, इसका विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस रुद्राक्ष का प्रयोग मानसिक शांति, समृद्धि और संतुलन के लिए किया जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि सातमुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति की चिंताओं में कमी आती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। इसे धारण करने से धन की प्राप्ति और कार्यों में सफलता भी मिलती है। इसे नियमित रूप से पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अनेक लाभों के कारण इसे आध्यात्मिक साधना में महत्वपूर्ण माना जाता है।
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Toggleरुद्राक्ष की उत्पत्ति और महत्व (7 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)
रुद्राक्ष का अर्थ है “रुद्र” (भगवान शिव) और “अक्ष” (आंख)। इसके ऊपर की सतह पर जो धारियां होती हैं, उन्हें “मुख” कहा जाता है। विभिन्न मुखों के रुद्राक्ष अलग-अलग लाभ और विशेषताएँ प्रदान करते हैं। सबसे सामान्य रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होते हैं।
सातमुखी रुद्राक्ष की पहचान
सातमुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi) की पहचान उसकी सतह पर सात स्पष्ट धारियों से होती है। इसे धारण करने से व्यक्ति को अनेक लाभ मिलते हैं।
देवी-देवता और ऊर्जा
सातमुखी रुद्राक्ष का संबंध शनि देवता से है। इसके साथ ही, यह देवी लक्ष्मी का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि और भाग्य की वृद्धि होती है।
सातमुखी रुद्राक्ष के फायदे
1. करियर और व्यापार में वृद्धि
यदि आप करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं या व्यापार में सफलता की तलाश कर रहे हैं, तो सातमुखी रुद्राक्ष आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह भाग्य को प्रबल करता है और आपके प्रयासों में सकारात्मकता लाता है।
2. आर्थिक समृद्धि
सातमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन का अभाव नहीं होता। यह आर्थिक संकटों से राहत दिलाने में मदद करता है।
3. नौकरी में पदोन्नति
यदि आप नौकरी में पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, तो सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपकी संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
4. स्वास्थ्य लाभ
यह रुद्राक्ष गैस, अस्थमा, और अन्य कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।
5. प्रेम और यौन संबंध
सातमुखी रुद्राक्ष यौन शक्ति को बढ़ाता है और विपरीत लिंग के व्यक्तियों को आपकी ओर आकर्षित करता है।
6. शनि के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा
यदि आपकी कुंडली में शनि का प्रभाव अशुभ है, तो सातमुखी रुद्राक्ष पहनने से आपको राहत मिल सकती है। यह रक्षा कवच की तरह कार्य करता है।
धारण करने की विधि
सातमुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि बहुत सरल है।
सामग्री:
– चांदी की कटोरी
– पंचामृत (दूध, घी, शहद, शक्कर, गंगा जल)
– सफेद चंदन
– नीले पुष्प
– घी का दीपक
– धूप
विधि:
1. सबसे पहले, रुद्राक्ष को पंचामृत से स्नान कराएं।
2. फिर इसे गंगा जल से धोकर सफेद चंदन से टीका करें।
3. नीले पुष्प चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
4. रुद्राक्ष को भगवान शिव के शिवलिंग से स्पर्श करें।
5. इसे लाल धागे में पहनें या सोने/चांदी की चैन में धारण करें।
असली सातमुखी रुद्राक्ष कहाँ से खरीदें?
सात मुखी रुद्राक्ष आप अपने स्थानीय बाजार से खरीद सकते हैं, लेकिन केवल उसी दुकान से लें जो कई पीढ़ियों से इस कार्य में संलग्न हो। इससे आपको असली रुद्राक्ष प्राप्त होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि आजकल बाजार में रुद्राक्ष के नाम पर नकली प्लास्टिक के या भद्राक्ष, जो दिखने में रुद्राक्ष जैसे होते हैं, भी बेचे जा रहे हैं।
यदि आप ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं, तो आप mygyanalaya.in वेबसाइट से भी इसे मंगवा सकते हैं। यह प्रतिष्ठान तीन पीढ़ियों से इस क्षेत्र में सेवाएं दे रहा है और अब इसकी सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। साथ ही, यहां निशुल्क पंडित जी हेल्पलाइन भी दी जाती है, जहां से आप अनुभवी पंडितों से संपर्क करके रुद्राक्ष से संबंधित किसी भी प्रकार की सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
सातमुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
– “ॐ शम शनिश्चराय नमः”
कम से कम तीन माला मंत्र का जाप करें।
निष्कर्ष
सातमुखी रुद्राक्ष एक शक्तिशाली साधन है जो आपके जीवन में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने में सहायक है। इसके साथ जुड़े नियमों और विधियों का पालन करना आवश्यक है ताकि आप इसके लाभों का पूरा अनुभव कर सकें।