Kainchi Dham नहीं, 400 किलोमीटर दूर यह है नीम करौली बाबा का वास्तविक समाधि स्थल | Neem Karoli Baba Samadhi Sthal
Neem Karoli Baba Samadhi Sthal : जब भी नीम करोली बाबा का नाम लिया जाता है, हमारे मन में सबसे पहले जो स्थान आता है, वह है कैंची धाम (Kainchi Dham)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित यह स्थल, बाबा के भक्तों का प्रमुख केंद्र है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और बाबा की कृपा का अनुभव करते हैं। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कैंची धाम बाबा का समाधि स्थल नहीं है। बाबा की समाधि, कैंची धाम से लगभग 400 किलोमीटर दूर, वृंदावन में स्थित है।
बाबा का अंतिम प्रवास: वृंदावन आश्रम
नीम करोली बाबा ने अपने जीवन का अधिकांश समय अलग-अलग स्थानों पर बिताया। कैंची धाम (Kainchi Dham) में उन्होंने 18 वर्षों तक कठोर तप और साधना की। जीवन के अंतिम चरण में बाबा वृंदावन (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) आ गए, जहां उन्होंने एक आश्रम की स्थापना की। इस आश्रम में बाबा ने हनुमान जी का एक मंदिर बनवाया और अपने शेष जीवन को हनुमान भक्ति और समाज सेवा में समर्पित कर दिया। यहीं पर उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया और यही उनका समाधि स्थल (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) भी है। इस आश्रम को आज नीब करौरी बाबा आश्रम के नाम से जाना जाता है।
आश्रम की विशेषताएं
वृंदावन स्थित इस आश्रम (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति की अद्भुत अनुभूति होती है। यहां पहुंचकर जो चीजें आपको अवश्य देखनी चाहिए, वे निम्नलिखित हैं:
1. हनुमान जी का मंदिर
यह मंदिर बाबा की अनन्य भक्ति का प्रतीक है। मंदिर के परिसर में दिन-रात कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ चलता रहता है। यहां आपको ज्यादा भीड़ नहीं मिलेगी, जिससे आप शांतिपूर्वक भक्ति और ध्यान कर सकते हैं।
2. बाबा की कुटिया और धरोहर
आश्रम (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) में बाबा की कुटिया स्थित है, जिसमें उनके समय के तख्त और कंबल आज भी मौजूद हैं। ये वही तख्त हैं, जिन पर बाबा बैठकर भक्तों को आशीर्वाद दिया करते थे। बाबा का यह कंबल उनकी सादगी और तपस्वी जीवन का प्रतीक है। इस कुटिया में बैठकर ध्यान करने से गहन शांति और आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
3. सिद्धि मां की कुटिया
सिद्धि मां, बाबा की अनन्य शिष्या और उत्तराधिकारी थीं। बाबा की मृत्यु के बाद उन्होंने आश्रम की देखभाल की और अपने जीवन को सेवा और भक्ति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी कुटिया भी आश्रम में स्थित है।
4. संग्रहालय और राम नाम की डायरी
आश्रम में बाबा से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तुएं और उनकी जीवनी से संबंधित कहानियां संग्रहित हैं। यहां बाबा की राम नाम से भरी डायरी भी देखी जा सकती है, जो उनके अनन्य रामभक्त होने का प्रमाण है।
5. राम दरबार और अन्य मंदिर
आश्रम में राम दरबार मंदिर स्थित है, जहां भगवान श्री राम के चरणों में बजरंग बली और बाबा की मूर्ति विराजमान है। इसके अलावा यहां दुर्गा मंदिर और शिव मंदिर भी हैं, जो इस स्थान को और अधिक आध्यात्मिक बनाते हैं।
कैंची धाम की प्रसिद्धि और वृंदावन का रहस्य
कैंची धाम (Kainchi Dham), बाबा की तपोभूमि है और इसे विश्व प्रसिद्ध बनाने में बाबा के विदेशी शिष्य रामदास का बहुत बड़ा योगदान है। रामदास, जिनका असली नाम रिचर्ड अल्पर्ट था, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। बाबा से मिलने के बाद उनका जीवन बदल गया और उन्होंने अपनी पुस्तक “Be Here Now” के माध्यम से नीम करोली बाबा और कैंची धाम के बारे में दुनिया को बताया।
रामदास के अलावा, कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां जैसे एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, और अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी कैंची धाम (Kainchi Dham) आए, जिसने इसे वैश्विक पहचान दिलाई।
लेकिन, इस प्रसिद्धि ने एक भ्रम भी पैदा कर दिया। ज्यादातर लोग कैंची धाम (Kainchi Dham) को ही बाबा का समाधि स्थल समझते हैं, जबकि असल में यह बाबा की तपस्थली है। समाधि स्थल वृंदावन (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) में स्थित है, जो अपेक्षाकृत शांत और कम भीड़-भाड़ वाला है।
वृंदावन में समाधि स्थल की महत्ता
वृंदावन का नीब करौरी बाबा आश्रम (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) उन भक्तों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो शांति और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं। यहां आप बिना किसी शोर-शराबे के, बाबा के सान्निध्य को महसूस कर सकते हैं। बाबा की उपस्थिति और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को यहां हर कोने में अनुभव किया जा सकता है।
पता: Baba Neem Karori Marg, Atalla Chungi Rd, Vrindavan, Uttar Pradesh 281121
Location : https://g.co/kgs/GQ9VKVX
आपकी यात्रा के लिए सुझाव
यदि आप बाबा के समाधि स्थल (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal) की यात्रा करना चाहते हैं, तो वृंदावन जरूर आएं। यहां के आश्रम में आप:
• कुछ समय ध्यान और भजन में बिताएं।
• बाबा की धरोहरों को निहारें और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करें।
• राम दरबार और हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करें।
• आश्रम के संग्रहालय में बाबा के जीवन और उपदेशों को पढ़ें।
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निष्कर्ष
नीम करोली बाबा का वृंदावन आश्रम (Neem Karoli Baba Samadhi Sthal), उनके भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक तीर्थ है। यह स्थान उनकी भक्ति, तपस्या और सादगी का सजीव उदाहरण है। कैंची धाम उनकी तपोभूमि है, लेकिन समाधि स्थल वृंदावन में है, जहां उनका दिव्य आशीर्वाद आज भी हर भक्त को अनुभव होता है।
|| जय श्री राम || जय हनुमान ||