Mahakumbh 2025 Prayagraj : महाकुंभ में आए Mouni Baba का रुद्राक्ष से जुड़ा अनोखा संकल्प जानकर आप चौक जायेंगे

Mahakumbh 2025 Prayagraj : महाकुंभ में आए Mouni Baba का रुद्राक्ष से जुड़ा अनोखा संकल्प जानकर आप चौक जायेंगे

Mahakumbh 2025 Prayagraj : महाकुंभ में आए Mouni Baba का रुद्राक्ष से जुड़ा अनोखा संकल्प जानकर आप चौक जायेंगे

Mahakumbh 2025 Prayagraj : महाकुंभ 2025 प्रयागराज में हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला महाकुंभ एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए आते हैं। इस बार महाकुंभ 2025 में एक विशेष आकर्षण बने हैं, मौनी बाबा (Mouni Baba)। मौनी बाबा का नाम सुनते ही बहुत से लोग सोचते हैं कि ये बाबा शायद मौन रहते होंगे, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। मौनी बाबा सिर्फ मौन नहीं रहते, बल्कि जब वे बोलते हैं, तो उनकी बातों में इतना प्रभाव होता है कि हर कोई सुनकर हैरान रह जाता है। उनका यह अद्वितीय व्यक्तित्व और उनकी विशेषताएं इस बार महाकुंभ को और भी खास बना रही हैं।

मौनी बाबा का इतिहास और उनका विशेष संकल्प

मौनी बाबा (Mouni Baba) के बारे में कहा जाता है कि वे लंबे समय तक मौन रहते हैं, लेकिन उनका मौन केवल बाहरी तौर पर होता है। उनके भीतर गहरे तात्त्विक ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति का भंडार है। 1989 से 2002 तक, मौनी बाबा ने 14 वर्षों तक मौन व्रत किया था, जिसे उन्होंने ‘मौन तप’ के रूप में अपनाया था। इसके साथ ही, वे…कई बार भू समाधि और जल समाधि में बैठकर अपने साधना को और अधिक गहरा करते रहे। वे पिछले कई वर्षों से रुद्राक्ष की 5 करोड़ 51 लाख मणियों से बने हुए 12 ज्योतिर्लिंगों के निर्माण का संकल्प लेकर महाकुंभ (Mahakumbh 2025 Prayagraj) में उपस्थित होने जा रहे हैं।

मौनी बाबा (Mouni Baba) का यह संकल्प न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और भव्य अवसर भी है, क्योंकि यह रुद्राक्ष के माध्यम से शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कराने का वादा है। उनका यह कदम महाकुंभ 2025 के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ने वाला है।

5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियों से बने 12 ज्योतिर्लिंग

मौनी बाबा (Mouni Baba) का यह संकल्प महाकुंभ 2025 के दौरान एक अद्वितीय आयोजन बनेगा। वे रुद्राक्ष की 5 करोड़ 51 लाख मणियों से 12 ज्योतिर्लिंगों का निर्माण करेंगे, जो ना सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया भर में एक अभूतपूर्व घटना होगी। इन ज्योतिर्लिंगों का निर्माण संपूर्ण विश्व के कल्याण, आतंकवाद के विनाश, भारत की समृद्धि, और विशेष रूप से बेटियों की सुरक्षा के लिए होगा।

मौनी बाबा (Mouni Baba) ने इस संकल्प के साथ 10,000 गांवों की परिक्रमा की है और वहां से भिक्षा मांग कर रुद्राक्ष की मणियां इकट्ठा की हैं। इन मणियों का समर्पण भगवान महाकाल के प्रति श्रद्धा और उनके अद्वितीय दर्शन की ओर किया जाएगा। बाबा का मानना है कि इन मणियों के माध्यम से पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि आएगी और भारत को एक मजबूत हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

मौनी बाबा का अद्वितीय व्यक्तित्व

मौनी बाबा (Mouni Baba) के जीवन में एक खास बात है – उनका मौन। 14 वर्षों तक उन्होंने मौन का पालन किया, लेकिन उनके मौन में भी एक गहरी शक्ति छिपी थी। उनका यह मौन दरअसल साधना और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति की ओर संकेत करता था। जब वे बोलते हैं, तो उनकी बातों में गहरी तात्त्विकता और जीवन के उद्देश्य को समझाने की क्षमता होती है। उनका यह मौन न केवल शब्दों के माध्यम से संवाद का प्रतीक है, बल्कि यह उनके जीवन की साधना का भी महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

वे कहते हैं कि “मौन जीवन की साधना के लिए आवश्यक है। यह संयम और तप का प्रतीक है, और जीवन को सही दिशा में ले जाने का एकमात्र तरीका है।” उनका मानना है कि मौन से शरीर, मन और आत्मा को शांति मिलती है, और इससे व्यक्ति के अंदर की शक्ति और क्षमता का विकास होता है।

मौनी बाबा और रुद्राक्ष का संबंध

मौनी बाबा (Mouni Baba) को रुद्राक्ष बाबा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भगवान महादेव की उपासना के लिए रुद्राक्ष धारण किया है। वे रुद्राक्ष के 33 हजार से अधिक दानों को अपने शरीर पर धारण करते हैं और इसे शिव की कृपा का प्रतीक मानते हैं। वे बताते हैं कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंखों से उत्पन्न हुआ है, और यह दान देने के माध्यम से व्यक्ति अपनी हर इच्छा पूरी कर सकता है। बाबा ने नेपाल में 41 दिन की भू समाधि ली थी, जहां उन्हें रुद्राक्ष की मणियां प्राप्त हुईं, जिनकी संख्या लगभग 40 किलो से अधिक है।

महाकुंभ 2025 और मौनी बाबा का योगदान

महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025 Prayagraj) का आयोजन एक ऐतिहासिक घटना बनने जा रहा है, जिसमें मौनी बाबा द्वारा किए गए इस विशाल रुद्राक्ष संग्रह और उनके द्वारा रुद्राक्ष से निर्मित 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन एक अनूठा अवसर होगा। यह न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना के रूप में मानी जाएगी। महाकुंभ में होने वाले इस आयोजन में भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां आएंगे और बाबा के साथ इस दिव्य संकल्प को साकार होते हुए देखेंगे।

इस आयोजन के माध्यम से मौनी बाबा (Mouni Baba) का उद्देश्य केवल धार्मिक कार्य नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और राष्ट्रीय परिवर्तन का भी संकेत है। उनका संकल्प भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए है, जहां शांति, सुरक्षा और समृद्धि का वातावरण हो।

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निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 प्रयागराज (Mahakumbh 2025 Prayagraj) में एक ऐतिहासिक और धर्मिक अवसर होने जा रहा है, जहां मौनी बाबा (Mouni Baba) अपने अद्वितीय संकल्प के साथ 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियों से बने हुए 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कराएंगे। उनका यह कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामाजिक और राष्ट्रीय परिवर्तन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा। श्रद्धालु इस महाकुंभ में शामिल होकर बाबा के साथ इस अद्वितीय अवसर का हिस्सा बन सकते हैं और उनके संदेश को ग्रहण कर सकते हैं, जो केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के कल्याण के लिए है।