Kashi Vishwanath Mystery : काशी विश्वनाथ के अनसुने रहस्य और इतिहास जानकर चौक जायेंगे आप
Kashi Vishwanath Mystery : काशी विश्वनाथ, जिसे हम बाबा विश्वनाथ के नाम से भी जानते हैं, भारतीय धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित है और यह हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है और यह लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। काशी, जिसे हम शिव की नगरी भी कहते हैं, केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहां प्राचीनता और आस्था के अद्भुत मिलाजुले रूप देखने को मिलते हैं। यहाँ के प्रत्येक कण में अनगिनत रहस्यों और अद्भुत घटनाओं का समावेश है। आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ से जुड़े कुछ अनसुने रहस्यों और इतिहास के बारे में।
1. बाबा विश्वनाथ के दर्शन की धार्मिक मान्यता और इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) के दर्शन से जुड़ी एक प्रमुख मान्यता यह है कि यहां आने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि काशी में मृत्यु के बाद भगवान शिव स्वयं मृतक के कान में राम का नाम फूंकते हैं, जिससे उनकी आत्मा को मुक्ति मिलती है। काशी को शिव की प्रिय नगरी माना जाता है और यह स्थान सदियों से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए सर्वोत्तम तीर्थ स्थल है।
2. क्यों काशी विश्वनाथ का शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका हुआ है?
काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Mystery) का शिवलिंग अपने अनोखे आकार और दिशा के लिए प्रसिद्ध है। यह शिवलिंग दक्षिण की ओर झुका हुआ है, और इसके पीछे एक रोचक कथा है। कहा जाता है कि जब ऋषि मार्कंडे की आयु 16 वर्ष तक पहुंची और यमराज उनके प्राण लेने आए, तो उन्होंने भगवान शिव के शिवलिंग को पकड़ लिया। शिव अपने भक्त की भक्ति से प्रभावित होकर यमराज से कहा कि वह उसे जीवन दे दें, और यमराज ने मार्कंडे को अपना एक दिन दिया। इस घटना के कारण शिवलिंग दक्षिण की ओर झुक गया।
3. आक्रमण के समय औरंगजेब का काशी विश्वनाथ पर हमला
इतिहास में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) को तीन बार नष्ट किया गया। मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने 1669 में इस मंदिर को नष्ट कर दिया था और उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था। इसके बाद, 1835 में महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और मंदिर के शिखर पर स्वर्ण का आवरण चढ़ाया, जिससे इसे स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है।
4. गुप्त दरवाजा और अन्य रहस्य
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) में एक गुप्त दरवाजा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे कभी नहीं खोला जाता है। कुछ का मानना है कि यह दरवाजा गंगा नदी तक एक गुप्त सुरंग से जुड़ा हुआ है, जबकि अन्य इसे भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक मानते हैं। यह दरवाजा आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
5. गंगा नदी और शिव का अद्भुत संबंध
काशी में गंगा नदी उत्तर की ओर बहती है, जो अपने आप में एक अद्भुत घटना है। यह स्थिति कहीं और नहीं पाई जाती। मान्यता है कि यह भगवान शिव की उपस्थिति का प्रतीक है। इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि गंगा अपने मार्ग में 30 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद काशी में उत्तर दिशा में मुड़ जाती है। यही कारण है कि गंगा को यहाँ विशेष महत्व प्राप्त है।
6. धनवंतरि और लोलार्क कुंड का रहस्य
काशी (Kashi Vishwanath Mystery) में स्थित धनवंतरि कुंड और लोलार्क कुंड के बारे में भी विशेष मान्यताएँ हैं। धनवंतरि कुंड के पानी में असाधारण गुण बताए जाते हैं। इसे पीने से शरीर की सभी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। वहीं, लोलार्क कुंड के बारे में माना जाता है कि इसका पानी सीधे पाताल लोक से आता है और यह संतान सुख देने में सक्षम है।
7. तीन बार ध्वस्त और पुनर्निर्माण का रहस्य
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) का इतिहास संघर्षों से भरा हुआ है। मंदिर को मुग़ल आक्रमणकारियों द्वारा तीन बार ध्वस्त किया गया। फिर भी, हर बार इसे पुनर्निर्मित किया गया। महाराजा रणजीत सिंह द्वारा दान किए गए सोने से मंदिर की शिखर को सजाया गया, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया।
8. अखंड ज्योति का रहस्य
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) में एक विशेष अखंड ज्योति जलती है, जो कभी नहीं बुझती। चाहे कोई भी परिस्थिति हो, यह ज्योति हमेशा जलती रहती है। इसे कई लोग एक चमत्कार मानते हैं, और इसे भगवान शिव की अनंत शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है।
9. काली भैरव का मंदिर
काशी (Kashi Vishwanath Mystery) में काली भैरव का भी एक मंदिर है। काली भैरव को काशी का कोतवाल माना जाता है, और उनके दर्शन किए बिना काशी के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। एक इतिहास में यह भी उल्लेख है कि जब औरंगजेब ने काली भैरव मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की थी, तब उसकी सेना को पागल कुत्तों ने हमला कर दिया, और वह वापस लौटने को मजबूर हो गए थे।
10. तांत्रिक सिद्धि और मंदिर के चार द्वार
काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Mystery) मंदिर में चार प्रमुख द्वार हैं – शांति द्वार, कला द्वार, प्रतिष्ठा द्वार और निवृत्ति द्वार। इन द्वारों का तांत्रिक विद्या में गहरा संबंध है, और यहाँ आने वाले साधक इन द्वारों से अपनी तांत्रिक साधना में सिद्धि प्राप्त करते हैं।
11. काशी के पाताल लोक से जुड़ा पानी
लोलार्क कुंड में पानी के बारे में विश्वास है कि यह सीधे पाताल लोक से आता है। इसका पानी कई अद्भुत गुणों से भरपूर है, और यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, जो संतान सुख की कामना करते हैं।
12. शनि देव का मंदिर और उनका काशी से संबंध
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) के बाहर एक शनि देव का मंदिर भी है, जो एक विशेष कारण से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि शनि देव को काशी में प्रवेश नहीं मिला, और उन्होंने यहाँ 7.5 साल बिताए। यही कारण है कि यहाँ शनि देव का मंदिर है, और काशी में उनके दर्शन करना आवश्यक माना जाता है।
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निष्कर्ष
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mystery) न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके आसपास की सारी ऐतिहासिक और धार्मिक घटनाएँ इसे और भी रहस्यमयी बनाती हैं। यह स्थान न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास का भी एक अमूल्य धरोहर है। काशी के अनगिनत रहस्यों और कथाओं ने इसे न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। काशी विश्वनाथ के दर्शन मात्र से आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है, यही इस मंदिर की महिमा है।