Jatayu Statue Kerala : रावण से लड़कर यहाँ गिरे थे जटायु | World’s Largest Bird Sculpture in India

Jatayu Statue Kerala

Jatayu Statue Kerala : रावण से लड़कर यहाँ गिरे थे जटायु | World’s Largest Bird Sculpture in India

Jatayu Statue Kerala : दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति – “जटायु की मूर्ति” –  भारत के केरल राज्य के कोल्लम में स्थित है। यह विशाल मूर्ति न केवल अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पीछे छिपी पौराणिक और सांस्कृतिक गाथा भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह कोई साधारण पक्षी नहीं है, बल्कि एक अद्वितीय योद्धा का प्रतीक है, जिसने अपने जीवन के अंतिम क्षण तक माता सीता के सम्मान और सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। यह मूर्ति उसी वीर योद्धा, जटायु, की है जिसने रामायण की कथा में रावण से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी।

Jatayu Statue Kerala | World’s Largest Bird Sculpture in India

जटायु का यह संघर्ष उस समय हुआ था जब रावण ने माता सीता का अपहरण किया था और उन्हें लंका ले जा रहा था। जटायु ने रावण को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वृद्ध और घायल होने के बावजूद उसने साहस का प्रदर्शन किया। उसकी यह वीरता भारतीय इतिहास में साहस, निष्ठा और बलिदान का अद्वितीय उदाहरण है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि सम्मान और सुरक्षा के लिए लड़ाई किसी भी सीमा में बंधी नहीं होती, चाहे वह मनुष्य हो या पक्षी।

जटायु की मूर्ति: एक अद्भुत कलाकृति

जटायु की मूर्ति की भव्यता और विशालता इसे विश्व स्तर पर एक अद्वितीय कला का उदाहरण बनाती है। यह मूर्ति 200 फीट लंबी, 70 फीट ऊँची और 150 फीट चौड़ी है, और 30,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली हुई है। यह इतनी विशाल है कि इसे 14 टेनिस कोर्ट के बराबर कहा जाता है। इसे समुद्र तल से 1000 फीट की ऊँचाई पर एक पहाड़ी पर स्थापित किया गया है, और यह स्थान भी पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जटायु यहीं घायल होकर गिरे थे।

Jatayu Statue Kerala | World’s Largest Bird Sculpture in India

इस मूर्ति के निर्माण के पीछे प्रसिद्ध मूर्तिकार और फिल्म निर्माता राजीव अंचल की कल्पना और अथक परिश्रम का योगदान है। उन्होंने इस कलाकृति को रामायण की इस महत्वपूर्ण घटना के प्रतीक के रूप में बनाया है। इसके निर्माण में 10 वर्षों का समय लगा और इसे पूरा करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। चूंकि यह मूर्ति इतनी ऊँचाई पर बनाई गई है, इसलिए निर्माण सामग्री को यहाँ तक पहुंचाने के लिए विशेष मटेरियल विंच का उपयोग किया गया, जो एक बार में केवल 800 किलो सामग्री ही उठा सकता था।

राजीव अंचल ने न केवल आधुनिक तकनीक का सहारा लिया, बल्कि उन्होंने स्थानीय गांवों के करीब 1000 लोगों को प्रशिक्षित कर इस परियोजना में शामिल किया। इससे न केवल इस मूर्ति का निर्माण हुआ, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और कौशल भी प्राप्त हुआ।

निर्माण सामग्री और आंतरिक संरचना

जटायु की मूर्ति रोलर कम्पैक्टेड कंक्रीट से बनाई गई है, जबकि इसके पंजे स्टेनलेस स्टील के हैं। इसके भीतर 15,000 वर्ग फुट का यूटिलिटी स्पेस है, जहाँ एक ऑडियो-विज़ुअल संग्रहालय और 132 सीटों वाला एक मल्टी-डायमेंशनल थिएटर स्थापित किए जाने की योजना है। यह संग्रहालय त्रेता युग की कहानियों को जीवंत करने का काम करेगा, जिससे यहां आने वाले लोग जटायु की वीरता और रामायण की महाकाव्य घटनाओं को और गहराई से समझ सकेंगे।

नारी सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक

इस मूर्ति के निर्माण का मुख्य उद्देश्य केवल रामायण की कहानी को जीवंत करना नहीं था, बल्कि इसे महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। जटायु ने अपने प्राणों की आहुति एक महिला की सुरक्षा के लिए दी थी। आज जब पूरी दुनिया महिला सुरक्षा की बात करती है, तब यह मूर्ति हमें याद दिलाती है कि भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान हमेशा से सर्वोपरि रहा है।

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जटायु पृथ्वीराज पार्क में भी महिलाओं को ही सुरक्षा और संचालन के कार्यों के लिए नियुक्त किया गया है। यह कदम इस बात को और बल देता है कि महिला सशक्तिकरण के महत्व को इस कलाकृति के माध्यम से भी प्रकट किया जा रहा है।

रोमांच और साहस की यात्रा

जटायु पार्क न केवल अपनी पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व की वजह से खास है, बल्कि यहां एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ है। यहां एक वर्ल्ड-क्लास केबल कार की सवारी है, जो आपको पहाड़ी की ऊँचाइयों तक ले जाती है। इसके अलावा, एडवेंचर पार्क और हेली राइड की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो इस यात्रा को और रोमांचक बनाती हैं।

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जटायु: वीरता और बलिदान की कहानी

Jatayu Statue Kerala : यह विशाल मूर्ति केवल एक कला का नमूना नहीं है, बल्कि यह हमें प्रेरित करती है कि साहस और निष्ठा का महत्व कभी नहीं खोता। जटायु की यह वीरता हमें यह संदेश देती है कि जब भी किसी के सम्मान और सुरक्षा की बात आती है, तो हमें किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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आज जब हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए आवाजें उठाई जा रही हैं, जटायु की यह मूर्ति एक आदर्श उदाहरण है। यह हमें याद दिलाती है कि एक पक्षी ने भी अपने प्राणों की आहुति देकर यह सिद्ध किया था कि सम्मान और सुरक्षा किसी भी समाज का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होना चाहिए।

तो अगर आप केरल जाएं, तो इस अद्वितीय स्थल को देखने का मौका न चूकें। यह स्थल न केवल भारत की पौराणिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है।