Hinduism in Thailand : थाईलैंड (Thailand) में एशियन एथेलेटिक्स चैंपियनशिप चल रही थी जिसमें कई देशों ने भाग लिया था | थाईलैंड को इस चैंपियनशिप के लिए चयन करना था एक ऐसे लोगो और मैस्कॉट का जो कि शारीरिक बल, ज्ञान और ईमानदारी को दर्शाता हो | थाईलैंड में ज्यादातर जनसंख्या बौद्ध धर्म को मानती है | लेकिन इसके बावजूद भी पूरी चर्चा के बाद थाईलैंड ने इस International Championship का Logo और Mascot बनाया हनुमानजी को| जी हां जिस Championship मे दुनिया के कई देशों ने भाग लिया उसके Logo और Mascot के लिए थाईलैंड ने हमारे बजरंगबली, हमारे हनुमानजी की तस्वीर का चयन किया |
सिर्फ इतना ही नहीं अपनी वेबसाइट में इन्होंने विस्तार से बताया भी है की इन्होंने इस चैंपियनशिप के लिए हनुमानजी का ही क्यों चयन किया | वेबसाइट पर इन्होंने लिखा है हनुमान जी ताकत और फुर्ती का प्रतीक हैं| इनका वर्णन सनातन धर्म के महा ग्रंथ रामायण में मिलता है जिसमें वे भगवान राम के भक्त होते हैं और अपनी रफ्तार, ताकत और बुद्धिमता की वजह से जाने गए हैं|
थाईलैंड (Thailand) की मूल संस्कृति सनातन संस्कृति (Hinduism) से बहुत प्रेरित है, एक समय ऐसा था जब यहां एक हिंदू (Hindu) राजा का राज हुआ करता था, और सिर्फ थाईलैंड पर ही नहीं अफगानिस्तान से लेकर फिलिपिंस तक सनातन संस्कृति का ही प्रभाव था| बाद में यहां बौद्ध धर्म फैल गया लेकिन इन्होंने अपनी प्राचीन संकृति को संभाल कर रखा और आज भी इस पर गर्व करते हैं |
हालांकि भारत में आपको ऐसे कई बौद्ध धर्म को मानने वाले मिल जाएंगे, जिनके लिए बौद्ध धर्म का अर्थ भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करना नहीं सनातन धर्म को गली देना होता है|
लेकिन अगर आपको असली बौद्ध धर्म को मानने लोग देखने हैं तो इसके लिए थाईलैंड के लोग एक अच्छा उदाहरण हैं| जिनसे ना सिर्फ बौद्ध धर्म को मानने वालों को सीखना चाहिए साथ में हम सनातनियों को भी सीखना चाहिए की कैसे अपनी संस्कृति को जीवित रखा जाता है|
थाईलैंड में रामायण को लेकर कई तरह के प्रोग्राम करवाए जाते हैं लेकिन यहां रामायण को रामायण नहीं रामकियेन कहा जाता है और इतना ही नहीं इस देश के राजा को यहां राम की उपाधि दी जाती है| थाईलैंड में बैंकॉक के पास एक बड़ा शहर भी है जिसका नाम है अयुत्थया | जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है की यह नाम भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या से प्रेरित है जो कि उत्तर प्रदेश में है | इसी वजह से अयोध्या में भगवान राम की जन्म भूमि पर एक बड़ा राम मंदिर भी बनाया जा रहा है और जल्द ही यह भक्तों के लिए खुलने वाला है |
अब थाईलैंड से जुड़ी कुछ तस्वीर देखते हैं जिसे देख कर आपको सनातन धर्म पर जरूर गर्व होगा |
अब अगर बात हमारे देश भारत की तरह तो जब हमें Commonwealth games होस्ट करने का मौका मिला तो हमने अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कुछ भी ऐसा नहीं किया जो थाईलैंड ने किया|
यहां तक कि कुछ समय पहले जब एक Fighter Plain पर हनुमानजी की तस्वीर लगा दी गई तो इससे देश के कई लोगो को सेकुलर का कीड़ा काटने लगा जिससे वो परेशान हो गए फलस्वरूप हनुमानजी की तस्वीर को फाइटर प्लेन से हटा दिया|
यह विशाल गणेश जी की मूर्ति भारत में नहीं थाईलैंड में ही है|
यह समुंद्र मंथन का दृश्य भी थाईलैंड के एयरपोर्ट में दिखाया गया है |
जैसे की भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह है उसी प्रकार यहां का राष्ट्रीय प्रतीक है गरुड़ जो की भगवान विष्णु जी का वाहन है|
थायलैंड से भारत देश को यह सब सीखना चाहिए की कैसे अपनी मूल संस्कृति को बढ़ावा दे, कैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी संस्कृति को लेकर अपना गर्व दिखाए और बताए की किसी देश की संस्कृति उसकी पहचान को दर्शाती है ना की धार्मिक तुष्टिकरण को |
अगर भारत से तुलना करें तो थाईलैंड इतना बड़ा देश भी नहीं है फिर भी वह पूरे विश्व के सामने, बुद्दिष्ट देश होने के बाद भी सनातन संस्कृति का झंडा लेकर खड़ा होता है |