ये 4 लक्षण बता देंगे, आपको सर्वाइकल कैंसर है या नहीं | Cervical Cancer Symptoms in Hindi

ये 4 लक्षण बता देंगे, आपको सर्वाइकल कैंसर है या नहीं | Cervical Cancer Symptoms in Hindi

ये 4 लक्षण बता देंगे, आपको सर्वाइकल कैंसर है या नहीं | Cervical Cancer Symptoms in Hindi

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Symptoms in Hindi), जिसे गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर भी कहा जाता है, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह कैंसर मुख्य रूप से गर्भाशय के नीचे स्थित ग्रीवा (सर्विक्स) में होता है। यह ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के बाद महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और जागरूकता का अभाव है, वहां इस कैंसर का निदान और उपचार देरी से होता है। इस लेख में हम सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Symptoms in Hindi) के कारण, लक्षण, निदान, उपचार और उसे कैसे रोका जा सकता है, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

सर्वाइकल कैंसर के कारण

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Symptoms in Hindi) का सबसे प्रमुख कारण मानव पैपिलोमावायरस (HPV) है। यह एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड वायरस है, जो गर्भाशय ग्रीवा के टिशू को प्रभावित करता है। HPV के कुछ प्रकार ऐसे होते हैं, जो समय के साथ गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया रातोंरात नहीं होती है। जब HPV वायरस गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को संक्रमित करता है, तो यह सूजन और संक्रमण का कारण बनता है, जिसे हम “क्रोनिक सर्विसिटिस” (Chronic Cervicitis) कहते हैं। यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह संक्रमण धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकता है, और यह प्रक्रिया कई सालों तक जारी रह सकती है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Symptoms in Hindi) के लक्षण प्रारंभ में काफी हल्के होते हैं और कई महिलाएं इन्हें अनदेखा कर देती हैं। लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, कुछ लक्षणों की पहचान की जा सकती है:
1. असामान्य योनि से रक्तस्राव: गर्भाशय ग्रीवा से रक्तस्राव या डिस्चार्ज का आना।
2. पेट में दर्द: निचले पेट में दर्द या असहजता का अनुभव होना।
3. यौन संबंधों के दौरान दर्द: सेक्स के दौरान दर्द महसूस होना।
4. अत्यधिक थकान: बिना किसी कारण के कमजोरी और थकावट का अनुभव होना।

ये लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं, इसलिए किसी भी असामान्यता का सामना होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

सर्वाइकल कैंसर का निदान | Cervical Cancer Test

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का निदान करना आजकल काफी सरल और प्रभावी हो गया है। इसके लिए सबसे सामान्य तरीका “पेप स्मीयर टेस्ट” (Pap Smear Test) है। यह टेस्ट महिलाओं को 21 वर्ष की आयु के बाद करवाना चाहिए। इस टेस्ट में गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं के नमूने लेकर उन्हें प्रयोगशाला में जांचा जाता है। यह परीक्षण कैंसर या उसकी पूर्ववर्ती अवस्था (प्री-कैंसर) को पहचानने में मदद करता है।

यदि “पेप स्मीयर टेस्ट” (pap smear test) में कोई असामान्यता पाई जाती है, तो बायोप्सी (Biopsy) की जाती है, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा से एक छोटा सा टुकड़ा लेकर उसे माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। इसके अलावा, कैंसर की स्थिति का निर्धारण करने के लिए सीटी स्कैन, एमआरआई, या पेट स्कैन जैसे परीक्षण किए जाते हैं।

सर्वाइकल कैंसर का उपचार | Cervical Cancer Treatment

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Treatment) के उपचार का तरीका उसकी स्टेज पर निर्भर करता है। यदि कैंसर शुरुआती स्टेज में होता है, तो इलाज के परिणाम अधिक सकारात्मक होते हैं।

1. सर्जरी:  यदि कैंसर प्रारंभिक अवस्था में है, तो सर्जरी के जरिए गर्भाशय ग्रीवा को हटा दिया जाता है। इससे कैंसर को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।
2. कीमोथेरेपी और रेडिएशन: यदि कैंसर दूसरे और तीसरे स्टेज में होता है, तो कीमोथेरेपी और रेडिएशन का संयोजन किया जाता है। ये उपचार कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक होते हैं।
3. कीमोथेरेपी (कीमो): चौथे स्टेज में जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है, तो केवल कीमोथेरेपी से उपचार किया जाता है। यह उपचार कैंसर के लक्षणों को नियंत्रित करने और जीवनकाल को बढ़ाने में मदद करता है।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम | Cervical Cancer Prevention

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Prevention) को पूरी तरह से रोका जा सकता है, और इसके लिए कई प्रभावी उपाय मौजूद हैं:
1. HPV वैक्सीनेशन:  HPV वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए एक प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है। यह वैक्सीनेशन 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को दी जाती है ताकि वे इस वायरस से बच सकें और बाद में होने वाले सर्वाइकल कैंसर से मुक्त रहें। यह वैक्सीनेशन लड़कियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि HPV वायरस से 70% सर्वाइकल कैंसर होते हैं।
2. पेप स्मीयर टेस्ट:  21 वर्ष के बाद महिलाओं को हर साल पेप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट कैंसर के पूर्ववर्ती चरण को पहचानने में मदद करता है।
3. स्वस्थ जीवनशैली:  धूम्रपान से बचना, संतुलित आहार लेना, और यौन संक्रमण से बचाव के उपायों का पालन करना सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करता है।

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निष्कर्ष

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Symptoms in Hindi) एक ऐसी बीमारी है जिसे यदि समय रहते पहचान लिया जाए, तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है जागरूकता और नियमित स्क्रीनिंग। HPV वैक्सीनेशन, पेप स्मीयर टेस्ट, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर हम सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। सभी महिलाओं को इस कैंसर के बारे में जागरूक होना चाहिए और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, ताकि इस गंभीर बीमारी को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके।