भगवान श्री गणेश जी से जरूर सीखनी चाहियें, आपको ये 5 महत्वपूर्ण बातें

भगवान श्री गणेश जी से जरूर सीखनी चाहियें, आपको ये 5 महत्वपूर्ण बातें

भगवान श्री गणेश जी से जरुर सीखनी चाहियें, आपको ये 5 महत्वपूर्ण बातें

भगवान श्री गणेश जी, जिन्हें ‘विघ्नहर्ता’ और ‘सिद्धिदाता’ के रूप में जाना जाता है, हमारे जीवन में अनंत प्रेरणाओं का स्रोत हैं। उनकी कथाओं और प्रतीकों से हमें जीवन की कठिनाइयों से जूझने और सफलता पाने की शिक्षा मिलती है। आइए जानते हैं  गणेश जी से सीखने वाली 5 बड़ी बातें, जो हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करती हैं।

1. कठिनाइयों से हार न मानें – दृढ़ संकल्प

भगवान श्री गणेश जी से सबसे पहली और महत्वपूर्ण सीख है दृढ़ संकल्प और धैर्य। महाभारत की कथा के अनुसार, जब महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखने का कार्य  गणेश जी को सौंपा, तो वे न केवल इसे पूरा करने के लिए समर्पित रहे, बल्कि जब उनका लेखनी टूट गई, तो उन्होंने अपने एक दांत को तोड़कर उसका इस्तेमाल लेखनी के रूप में किया।

यह हमें यह सिखाता है कि जब हम किसी कार्य में लगे हों, तो उसे आधे में छोड़ने के बजाय हर मुश्किल का सामना करते हुए उसे पूरा करें। कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन संकल्प और धैर्य से ही हम मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

2. उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग – बुद्धिमानी

भगवान श्री गणेश जी से सीखने वाली दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपने पास मौजूद संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। एक प्रसिद्ध कथा है कि भगवान शिव और माँ पार्वती ने गणेश और कार्तिकेय के बीच एक प्रतियोगिता रखी, जिसमें उन्हें पूरी दुनिया के तीन चक्कर लगाने थे।

जहाँ कार्तिकेय ने अपने तेज़ वाहन पर दौड़ना शुरू किया, वहीं गणेश जी ने अपने माता-पिता के तीन चक्कर लगाए और कहा, “आप ही मेरे लिए पूरी दुनिया हैं।”
यह कथा हमें सिखाती है कि हमें अपने सीमित संसाधनों के साथ भी बुद्धिमानी से काम करना चाहिए और परिस्थितियों के अनुसार सही निर्णय लेना चाहिए।

3. कर्तव्य परायणता – जिम्मेदारी को निभाना

भगवान श्री गणेश जी ने अपने जीवन में जो भी जिम्मेदारियाँ उठाईं, उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाया। एक बार माँ पार्वती ने गणेश जी से कहा कि वे दरवाजे पर पहरा दें, और गणेश जी ने इस कार्य को इतनी निष्ठा से निभाया कि उन्होंने भगवान शिव को भी अंदर नहीं जाने दिया।

यह कथा हमें सिखाती है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हमें अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाना चाहिए। जीवन में जिम्मेदारियों को ठीक से निभाने से ही हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।

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4. क्षमा करने की कला – माफ करना और आगे बढ़ना

भगवान श्री गणेश जी से माफी और क्षमा की कला भी सीखने को मिलती है। एक कथा के अनुसार, चंद्रमा ने गणेश जी का मजाक उड़ाया था, जिससे नाराज होकर गणेश जी ने उसे अदृश्य होने का श्राप दे दिया। परंतु जब चंद्रमा ने माफी मांगी, तो गणेश जी ने उसे माफ कर दिया और कहा कि वह महीने में केवल एक दिन अदृश्य रहेगा, जिसे हम अमावस्या के रूप में जानते हैं।

यह कथा हमें यह सिखाती है कि माफी देने से न केवल हमारा मन शांत होता है, बल्कि हमारे रिश्ते भी सुदृढ़ होते हैं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्षमा बहुत आवश्यक है।

5. आत्म-सम्मान – खुद का सम्मान करना

भगवान गणेश जी से आत्म-सम्मान की भी एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है। एक बार भगवान विष्णु की शादी के समय गणेश जी को निमंत्रण नहीं दिया गया। जब नारद मुनि ने उन्हें यह बात बताई, तो गणेश जी ने चुपचाप अपने चूहों को आदेश दिया और बारात के रास्ते में गड्ढे खुदवा दिए, जिससे पूरी बारात रुक गई। इसके बाद गणेश जी को मनाने के लिए बुलाया गया और उनकी पूजा की गई।

यह घटना हमें सिखाती है कि जीवन में आत्म-सम्मान बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हमारा सम्मान किया जाए, तभी हम अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सकते हैं। अपने आत्म-सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष

भगवान श्री गणेश जी की कहानियाँ और उनके जीवन से हमें जीवन में बहुत सारी महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं। उनके बड़े कान हमें अधिक सुनने की सलाह देते हैं, उनका बड़ा पेट हमें सहनशीलता सिखाता है, और उनकी सूंड हमें हमेशा सक्रिय और गतिशील रहने की प्रेरणा देती है।

गणेश जी की इन शिक्षाओं का पालन करके हम जीवन में सफलता की ओर बढ़ सकते हैं और कठिनाइयों को पार करते हुए एक संतुलित और सुखमय जीवन जी सकते हैं।
भगवान गणेश जी  की कृपा हम सभी पर बनी रहे