सद्गुरु से जाने ओम (ॐ) मंत्र के उच्चारण का सही तरीका | मिलेंगे अद्भुत लाभ | Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi

Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi by Sadhguru

सद्गुरु से जाने ओम (ॐ) मंत्र के उच्चारण का सही तरीका | मिलेंगे अद्भुत लाभ | Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi

Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi : ओम (ॐ) मंत्र का उच्चारण और उसका महत्व भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में अद्वितीय स्थान रखता है। यह मात्र एक मंत्र नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड की ध्वनि मानी जाती है। सद्गुरु द्वारा बताए गए तरीके से ओम (ॐ) का उच्चारण हमें इसके पीछे छिपे गहरे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी देता है। नीचे दी गई सद्गुरु (Sadhguru) द्वारा उच्चारित ध्वनि को सुनकर आप इसे भलीभाँति बोलना सीख सकते हैं।

ओम (ॐ) मंत्र की ध्वनियों का रहस्य

ओम (ॐ) मंत्र तीन मूल ध्वनियों से मिलकर बना है: “आ”, “उ” और “म”। यह तीन ध्वनियाँ किसी भी प्रकार की भाषाई जटिलता के बिना निकाली जा सकती हैं। सद्गुरु बताते हैं कि यदि आपके पास जीभ न हो, तो भी आप “आ”, “उ”, और “म” की ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकते हैं। जीभ का काम इन ध्वनियों को मिश्रित कर जटिल ध्वनियों का निर्माण करना है, जिससे हम संपूर्ण भाषाई ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकते हैं।

सद्गुरु (Sadhguru) ओम (ॐ) मंत्र की ध्वनियों को ब्रह्मांडीय ध्वनियाँ मानते हैं क्योंकि ये ध्वनियाँ मानव शरीर और ब्रह्मांड के बीच एक गहरा संबंध बनाती हैं। “आ”, “उ”, और “म” की ध्वनियों का एक साथ उच्चारण करने पर जो ध्वनि उत्पन्न होती है, वह ओम (ॐ) होती है, जोकि संपूर्ण सृष्टि की मौलिक ध्वनि है।

Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi

ओम (ॐ) का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

यह समझने वाली बात है कि ओम (ॐ) किसी विशेष धर्म का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सभी धर्मों में किसी न किसी रूप में उपस्थित है। सद्गुरु उदाहरण देते हैं कि ईसाई धर्म में प्रार्थना के अंत में “आमीन” कहा जाता है, जो मूलतः “ओम (ॐ)” की ध्वनि से मिलता-जुलता है। इसी तरह, इस्लाम में भी “आमीन” का उच्चारण होता है, जो इसी ब्रह्मांडीय ध्वनि से प्रभावित है।

भाषा और संस्कृति के प्रभाव से ओम (ॐ) का रूपांतर होता रहा है। उदाहरण के लिए, तमिल भाषा में “राम” को “रामन” और “कृष्ण” को “कृष्णन” कहा जाता है। यह एक तरह से उस भाषा की विशेषताओं और ध्वनियों के प्रभाव को दर्शाता है। इसी प्रकार, ओम (ॐ) मंत्र भी विभिन्न संस्कृतियों में समय के साथ परिवर्तित होकर अलग-अलग रूपों में सामने आया है।

ओम (ॐ) का सही उच्चारण | Aum Correct Pronunciation

सद्गुरु (Sadhguru) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ओम (ॐ) का सही उच्चारण कुछ इस प्रकार है:

1. आ – जब आप अपना मुँह खोलते हैं और गले से आवाज़ निकालते हैं, तो “आ” ध्वनि उत्पन्न होती है। यह ध्वनि पेट के निचले हिस्से से उठती है और नाभि क्षेत्र में कंपन उत्पन्न करती है।
2. उ – जब आप अपने मुँह को थोड़ा बंद करना शुरू करते हैं, तो “आ” ध्वनि “उ” में परिवर्तित हो जाती है। यह ध्वनि सीने और गले के बीच के हिस्से में कंपन उत्पन्न करती है।
3. म – जब आप मुँह पूरी तरह से बंद कर लेते हैं, तो “उ” ध्वनि “म” में बदल जाती है। “म” ध्वनि का कंपन सिर के ऊपरी हिस्से में महसूस होता है, विशेषकर मस्तिष्क में।

जब इन तीन ध्वनियों को एक साथ मिलाकर उच्चारित किया जाता है, तो ओम (ॐ) की ध्वनि उत्पन्न होती है। ओम (ॐ) का उच्चारण करते समय आपको मुँह धीरे-धीरे बंद करना होता है, जिससे “आ”, “उ” और “म” का सही संतुलन बन सके।

Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ओम (ॐ) का प्रभाव

सद्गुरु (Sadhguru) बताते हैं कि ओम (ॐ) मंत्र का जाप मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यदि कोई व्यक्ति मानसिक तनाव, डरावने सपने, अनिद्रा, या मानसिक अस्थिरता से परेशान है, तो ओम (ॐ) का नियमित जाप उसे स्थिरता प्रदान कर सकता है। ओम (ॐ) मंत्र की ध्वनि शरीर और मस्तिष्क के बीच संतुलन बनाती है, जिससे मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

यदि बच्चों में ध्यान की कमी है या वे अक्सर बीमार पड़ते हैं, तो उनके लिए ओम (ॐ) का जाप अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। कुछ मिनटों के लिए ओम (ॐ) का जाप करने से बच्चों में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है और उनकी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

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आध्यात्मिक उन्नति में ओम (ॐ) का महत्व

सद्गुरु बताते हैं कि ओम (ॐ) की ध्वनि आपके भीतर मौन उत्पन्न करती है। यह मौन किसी बाहरी साधन, जैसे कान में प्लग लगाने, से प्राप्त नहीं होता, बल्कि यह आंतरिक मौन होता है। यह ध्वनि आपकी आंतरिक ऊर्जा को जागरूक करती है और आपके भौतिक अस्तित्व के साथ आपके आध्यात्मिक अस्तित्व को जोड़ती है। जब आप ओम (ॐ) का जाप करते हैं, तो यह ध्वनि आपके नाभि क्षेत्र से शुरू होकर नाक के सिरे तक जाती है, और इस यात्रा के दौरान यह आपके शारीरिक और मानसिक अस्तित्व को संतुलित करती है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ओम (ॐ)

सद्गुरु ओम (ॐ) की ध्वनि को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखते हैं। वे इसे ब्रह्मांडीय ध्वनि मानते हैं, जो सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ी है। आधुनिक विज्ञान भी इस बात को मानता है कि हर वस्तु का अपना कंपन होता है, और ओम (ॐ) की ध्वनि इसी कंपन को प्रकट करती है। यह ध्वनि हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों को ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

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निष्कर्ष

Aum Correct Pronunciation and Benefits in Hindi : ओम (ॐ) मंत्र का सही उच्चारण और उसका नियमित जाप मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी है। सद्गुरु (Sadhguru) द्वारा बताए गए तरीके से ओम (ॐ) का उच्चारण करने से हम इसके पीछे छिपे गहरे रहस्यों को समझ सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।