![जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023 : मंदिर में क्यों रखी जाती हैं अधूरी मूर्तियाँ जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023](https://blogs.mygyanalaya.in/wp-content/uploads/2023/06/WhatsApp-Image-2023-06-13-at-2.46.51-PM.jpeg)
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023 : मंदिर में क्यों रखी जाती हैं अधूरी मूर्तियाँ
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023 : जगन्नाथ मंदिर में अधूरी बनी मूर्तियाँ रखने का प्रथम कारण मान्यता और पौराणिक कथाओं से जुड़ा है।
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2023 : जगन्नाथ मंदिर में अधूरी बनी मूर्तियाँ रखने का प्रथम कारण मान्यता और पौराणिक कथाओं से जुड़ा है।
वर्तमान में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कारों के चलते चर्चाओं में बने रहते है| भारतवर्ष हमेशा से संतो की धरती रही है| विश्व के ऐसे कई महान संतों ने यहां जन्म लिया जिन्होंने ना सिर्फ
Bhagavad Gita 2.63 || क्रोध से भ्रम पैदा होता है , भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती है| जब बुद्धि भ्रष्ट होती है तब…..
इस कार्यक्रम को ज्वाइन करनें के लिए आपको किसी भी तरह की कोई फीस नहीं देनी होती इसके साथ आपका खाना, पीना और रहना भी पूरी तरह से नि:शुल्क होता है | इस कार्यक्रम का नाम है साधनापद (Sadhanapada) जो की “गुरु पूर्णिमा से प्रारंभ होकर महाशिवरात्रि” पर संपन्न होता है
कौनसा रुद्राक्ष है आपके लिए सबसे बेहतर? Which Rudraksha is Best? रुद्राक्ष (Rudraksha) और रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) के कई फायदे (Benefits) बताएं गए हैं जैसे कि…
अवतार फिल्म (Avatar Movie) हिन्दू धर्म ( Hinduism ) से बड़ा ही गहरा संबंध रखती है | इस फिल्म में कई ऐसी चीजें हैं जो इसका संबंध सीधे सनातन धर्म से दर्शाती हैं |
योग के प्रकार और लाभ जाने स्वामी विवेकानन्द से : स्वामी विवेकानन्द, भारतीय संस्कृति और धार्मिक तत्त्वों के प्रचारक थे जिन्होंने योग के महत्व को प्रमुखता दी|
विश्व का सबसे शांतिपूर्ण स्थान कहाँ है? यह बौद्ध कहानी आपके प्रश्न का उत्तर प्रदान करती है, जिसे ओशो (Osho Rajneesh ) ने अपने एक व्याख्यान में सुनाया था।
वर्तमान में, कई माता-पिता अपने बच्चों को Rudraksha पहनाने की इच्छा रखते हैं। Sadhguru ऐसे परिजनों को एक जरूरी सलाह दे रहे हैं, जो आपको अपने बच्चों को Rudraksha पहनाने से पहले जरूर पता होनी चाहिए। Sadhguru कहते हैं कि छोटे बच्चे बड़े चंचल स्वभाव के होते हैं और 14 साल से कम उम्र के…
Ramkrishna Paramhans : एक बार एक अमीर सेठ खूब सारे पैसे लेकर स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस जी के पास आता है और वह सारे के सारे पैसे रामकृष्ण जी के चरणों में बिखेर देता है |