True Love को लेकर ज्यादातर युवा परेशान रहते हैं| क्योंकि वो अक्सर हार्मोन की वजह से उठने वाले उतार चढ़ाव और वासना को True Love समझ लेते हैं|
क्या होता है True Love?
सद्गुरु के अनुसार True Love एक मधुर भावना है| इस मधुर भावना को आप या तो किसी बाहरी सहायता से स्वयं के भीतर पैदा कर सकते हो या बिना किसी बाहरी सहायता के|
सद्गुरु के अनुसार True Love?
अगर आपके प्रेम का आधार बाहरी की जगह आंतरिक होता है तो यह हमेशा के लिए स्थिर रहेगा| यह संभव है क्योंकि प्रेम आपके भीतर से ही पैदा होता है| जिसे आपको बाहरी धक्के की जगह सेल्फ स्टार्ट बनाना चाहिए|
सेल्फ स्टार्ट प्रेम
जब आप स्वयं के भीतर से प्रेममयी होंगे तो आप अपने साथी को प्रेम के लिए निचोड़ेंगे नहीं बल्कि आप स्वयं प्रेम का झरना होंगे जो यह खुशी साथी के साथ साझा करेगा| आप के पास रहकर हर व्यक्ति खुशी महसूस करेगा|
प्रेममयी साथी
जब हम किसी से प्रेम करते हैं, तो हम उसे अपने भीतर समाहित करना चाहते हैं। यह भावना का एक स्तर है, लेकिन जब हम इसे जागरूकता के साथ करते हैं, तो यह योग बन जाता है। योग का अर्थ है "एक हो जाना"।
प्रेम एक योग
सद्गुरु चेताते हैं कि जब प्रेम का आधार केवल शारीरिक आकर्षण होता है, तो यह संबंध स्थिर नहीं रह सकता। समय के साथ शारीरिक आकर्षण कम हो जाता है, और इसके कारण रिश्तों में खटास आ सकती है।
मजबूत रिश्ता
प्रेम संबंधों में धोखा मिलना आजकल एक आम समस्या है। सद्गुरु बताते हैं कि जब हमें धोखा मिलता है, तो इसका मुख्य कारण यह होता है कि हमने अपने संबंध में कुछ ऐसी उम्मीदें पाली होती हैं जो पूरी नहीं हो पातीं।
प्रेम में धोखा
जब हमें प्रेम में धोखा मिलता है, तो इसे एक आत्मनिरीक्षण का अवसर समझना चाहिए। सद्गुरु कहते हैं कि यह समय है यह समझने का कि जीवन की सच्चाई क्या है।
सीखें और आगे बढ़ें
यह जीवन एक संपूर्ण अनुभव है, लेकिन अगर हम इसे अधूरा मानते हैं और इसे पूरा करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति या चीज़ पर निर्भर रहते हैं। हमें समझना इसे किसी बाहरी चीज़ की आवश्यकता नहीं है।
आप एक सम्पूर्ण जीवन
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