भगवान राम और माँ सीता का विवाह किस उम्र में हुआ था? यह रहा जवाब वाल्मीकि रामायण से

राम सीता विवाह आयु

भगवान राम और माँ सीता का विवाह किस उम्र में हुआ था? यह रहा जवाब वाल्मीकि रामायण से

भगवान श्री राम और सीता माता की विवाह के समय आयु : आज के समय में धार्मिक विषयों पर चर्चा के दौरान कई प्रकार के मिथक और भ्रांतियां फैलाने की कोशिश की जाती है। हमारे ईष्ट देवताओं की जीवन यात्रा को लेकर ऐसी बातें कही जाती हैं, जिनका उद्देश्य हमारी धार्मिक आस्था को कमजोर करना और स्वयं की आस्थाओं को बेहतर साबित करना होता है। एक ऐसा ही विवाद हाल के दिनों में बढ़ा है, जिसमें कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने 6 वर्ष की आयु में माँ सीता से विवाह किया था। इस लेख में हम इस विवाद के पीछे की वास्तविकता पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि वाल्मीकि रामायण में इस संबंध में क्या कहा गया है।

आरोप का आधार

इस आरोप को सही साबित करने के लिए वो आपके सामने वाल्मीकि रामायण के अरण्यकांड के सैतालीसवें अध्याय के चौथे और दसवें श्लोक को रखते हैं।

राम और सीता का विवाह किस उम्र में हुआ था

अरण्यकांड के इन दोनों श्लोकों में माता सीता जी ये बता रही हैं कि वो अयोध्या में 12 वर्षों तक रही और जब 18 वर्ष की थी। तब वो वनवास के लिए गई थी और जब वनवास के लिए जा रही थी तब श्रीराम जी की आयु 25 वर्ष की थी।

अब इससे जब कैलकुलेशन की जाती है तो सीधा सीधा पता चलता है कि क्योंकि वो 12 वर्षों तक अयोध्या में थी और अभी 18 वर्ष की है। जब वनवास गई तो यानी कि 6 वर्ष की जब वो रही होंगी जब वो अयोध्या को आई थी तो इससे ये अनुमान लगाया जाता है कि 6 वर्ष की आयु में सीता जी ब्याह करके अयोध्या आ गई थी और यही से श्रीराम जी की भी आयु निकाल ली जाती है। अगर 25 वर्ष की आयु में वो वनवास गए हैं और 12 वर्षों से सीता जी के साथ थे यानी की 13 वर्ष की ही आयु में उनका विवाह सीता जी से हो गया था तो इन श्लोकों से ये पता चलता है कि सीता जी की आयु छह वर्ष की थी और 13 वर्ष की आयु श्रीराम जी की थी।

लेकिन क्या यह सच है? क्या श्री राम और माँ सीता का विवाह 6 और 13 वर्ष की आयु में हुआ था? इसके लिए हमें वाल्मीकि रामायण के श्लोकों का गहन अध्ययन करना होगा।

वाल्मीकि रामायण में श्री राम और सीता जी की आयु

वाल्मीकि रामायण में श्री राम और सीता जी की आयु के संदर्भ में कई स्थानों पर भिन्नता देखने को मिलती है। उदाहरण के लिए, अयोध्या कांड के 20वें अध्याय के 45वें श्लोक में कौशल्या जी कहती हैं कि श्री राम 17 वर्ष के हैं, जब वे वनवास के लिए जा रहे हैं।

राम और सीता का विवाह किस उम्र में हुआ था

वहीं, बालकांड के 20वें अध्याय के दूसरे श्लोक में राजा दशरथ कहते हैं कि श्रीराम अभी 16 वर्ष के भी नहीं हुए हैं, जब विश्वामित्र जी उन्हें राक्षसों से लड़ने के लिए ले जाते हैं।

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इन भिन्नताओं के बावजूद, रामायण में श्रीराम और सीता जी की आयु को लेकर कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकलता है।

वाल्मीकि रामायण संस्कृत भाषा का एक उत्कृष्ट काव्य ग्रंथ हैं। ऐसे में इस ग्रंथ के श्लोकों में विरोधाभास होना हमारे अधूरे ज्ञान का परिणाम है। इसी वजह से सनातन विरोधी इन श्लोकों का उपयोग करके आपको भ्रमित करते हैं और कहते हैं की तुम्हारे भगवान श्री राम ने माँ सीता से बाल विवाह किया। लेकिन सच क्या है आइए जानते हैं।

श्री राम जी की द्विज (दूसरा जन्म) आयु

भारतीय परंपरा में द्विज का सिद्धांत महत्वपूर्ण है। द्विज का अर्थ होता है “दूसरा जन्म,” जिसे उपनयन संस्कार के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। इस संस्कार के बाद कोई व्यक्ति शिक्षा आरंभ करता है।

जब उपनयन संस्कार हो जाता था तब कोई व्यक्ति शिक्षा को आरंभ करता था और इसी को द्विज संस्कार कहते थे। इसको ऐसा माना जाता था की अब उसको गुरु के सांनिध्य में एक दूसरा जन्म मिल गया है। वेदों और उपनिषदों में द्विज को इस प्रकार से बताया गया है कि जैसे कोई चिड़िया अंडा तोड़ के बाहर आती है तो एक जन्म तो उसका अंडे में हुआ रहता है लेकिन जब अंडा तोड़ कर बाहर आती है, जब इस संसार में आती है तब उसका दूसरा जन्म होता है।

इसी प्रकार से वैदिक सभ्यता में जब कोई व्यक्ति उपनयन संस्कार करवा लेता था और गुरु के साथ गुरुकुल में पढ़ने लगता था तो वो माना जाता था कि अब वो संसार में आया है और संसार की शिक्षा को ग्रहण करेगा। इसलिए उस को द्विज यानी द्वितीय जन्म भी बोला जाता था। अब यहाँ पर श्री राम जी क्षत्रिय थे। मनुस्मृति के अनुसार, क्षत्रियों के लिए यह संस्कार 11 वर्ष की आयु में होता था।

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जब कौशल्या जी श्री राम जी से कहती हैं कि वे केवल 17 वर्ष के हैं, तो वे उनके द्विज जन्म की बात कर रही हों। अर्थात वे इसमें प्रारंभ के 10-11 वर्ष शामिल नहीं करती इसलिए कहा जा सकता है की वनवास के समय श्री राम की वास्तविक आयु 27 वर्ष के आस-पास होती है।

विवाह के समय श्री राम और सीता जी की वास्तविक आयु

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, विश्वामित्र जी जब श्री राम और लक्ष्मण को राजा जनक के पास लेकर जाते हैं, तो वहाँ विश्वामित्र जी उन्हें “युवावस्था” में बताते हैं। इसका अर्थ यह है कि उस समय श्रीराम और सीता जी दोनों विवाह योग्य आयु में थे। इसके अलावा, अयोध्या कांड के 118वें अध्याय के एक श्लोक में माँ सीता कहती हैं कि उनका विवाह तब हुआ जब वे “पति संयोग सुलभ” थीं, यानी विवाह योग्य आयु में थीं।

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अगर आप सुश्रुत संहिता के पैंतीसवें अध्याय के दसवें सूत्र को देखेंगे तो वहाँ पर बताया गया है कि एक पुरुष के लिए युवावस्था 25 वर्ष की आयु होती है और एक स्त्री के लिए 16 वर्ष की।

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यदि हम अन्य स्रोतों और ग्रंथों का अध्ययन करें, तो यह पाया जाता है कि विवाह के समय श्रीराम और सीता जी की आयु युवावस्था के निकट थी। श्रीराम 25-27 वर्ष के थे, जबकि सीता जी 16-18 वर्ष की थीं। इस तरह से यह साबित होता है कि श्रीराम और सीता जी के विवाह को लेकर बाल विवाह का कोई सत्यापन नहीं है।

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निष्कर्ष

वाल्मीकि रामायण में श्री राम और सीता जी की आयु को लेकर भिन्नता हो सकती है, जो की द्विज परंपरा की वजह से है लेकिन यह तय है कि दोनों का विवाह उनके युवावस्था में हुआ था। 6 और 13 वर्ष की आयु में विवाह होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता। यह भ्रांति हमारी धार्मिक आस्थाओं को कमजोर करने के लिए फैलाई गई है, जिसे हमें तथ्यों के आधार पर समझने की आवश्यकता है।

हमारी संस्कृति और धर्म में भगवान श्री राम और माता सीता के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमें उनकी शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उन मिथकों पर जो हमारी धार्मिक आस्थाओं को भटकाने का प्रयास करते हैं। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें। साथ में आप स्वयं भी हमारी संस्कृति से जुड़े ग्रंथों का जरूर अध्यन करें।