वैज्ञानिकों ने खोजा रावण के पुष्पक विमान का यह सच | Scientific Truth behind Ravana Pushpaka Vimana and Vaimanika Shastra

हिंदू धर्म (Hinduism) के सबसे विख्यात ग्रंथ रामायण (Ramayana) में एक ऐसे विमान (Pushpaka Vimana) के बारे में बात की गई है जो की रावण (Ravana) के पास था, जिसका इस्तेमाल वह एक जगह से दूसरी जगह वायुमार्ग द्वारा जाने के लिए करता था | उस विमान की विशेषता सिर्फ उड़ना ही नहीं थी,  इस विमान का साइज भी जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा किया जा सकता था | इस उन्नत विमान का नाम था पुष्पक विमान जो की आज से कई हजार वर्षों पहले अस्तित्व में था | ज्यादातर हिंदू आज भी इस पर पूर्णतः विश्वास करते हैं की यह बात पूरी तरह से सत्य है जबकि कई ऐसे लोग भी हैं जिनका विश्वास यह है की यह सब पूरी तरह से एक कल्पना है |

Truth behind Ravana Pushpaka Vimana
पुष्पक विमान (Pushpaka Vimana) को लेकर सभी के अपने अपने बयान और विश्वास हैं | लेकिन भारतीय संस्कृति विश्वास पर नहीं हमेशा सत्य पर केंद्रित रही है और हमेशा सत्य की खोज के लिए सभी को प्रेरित करती है | इसलिए हम यहां विज्ञान की नजर से समझंगें की क्या वाकई में आज से हजारों वर्षों पहले पुष्पक विमान जैसा कोई वाहन बनाना संभव था या नहीं अगर हां तो फिर कैसे?
 
दोस्तों पुष्पक विमान का वर्णन रामायण में कई जगह मिलता है, जैसे की रावण द्वारा मां सीता का हरण करते समय और भगवान राम का विजयी होने के बाद पुष्पक विमान से वापस अयोध्या लोटते समय | लेकिन दोस्तों पुष्पक विमान जैसा वाहन उस समय तब ही उड़ सकता था जब उस समय ऐसी कोई तकनीक मौजूद हो, और अगर उस समय ऐसी तकनीक मौजूद थी तो उसका किसी न किसी पुस्तक में जरूर वर्णन होना चाहिए | 
 
 
तो ऐसे में एक पुस्तक है जो इसका जवाब देती है जिसका नाम है वैमानिक शास्त्र, जो की कई विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा भारतीय ग्रंथों को लाखों की संख्या में नष्ट करने के बाद आज भी इस प्राचीन विज्ञान के ज्ञान को समेटे हुए है | यह ग्रंथ महर्षि भारद्वाज जी के ज्ञान पर आधारित है जो की रामायण काल में ही जन्में थे इनके नाम का जिक्र भी रामायण में किया जाता है |
ऋषि भारद्वाज
इस ग्रंथ में ऐसी कई तकनीकों के बारे में बताया गया है जिससे विमान बनाया जा सकता है, इसमें विमान की परिभाषा देते हुए कहा गया है की जिसमें पक्षियों के समान वेग अर्थात Velocity है वही विमान है | इस पुस्तक में 8 अध्याय और 3000 श्लोक हैं जिनके जरिए विमान से जुड़ी गई गहन तकनीकों के बारे में बताया गया है |
 लेकिन अगर यह मान भी लिया जाए की ऐसी तकनीक के ऊपर एक पुस्तक है वैमानिक शास्त्र नाम से, उसके बाद भी एक सवाल उठता है की क्या वैमानिक शास्त्र में बताई गई तकनीक वास्त्व में काम करती है या फिर वो एक असफल प्रयोग भर या कल्पना मात्र थी?
 
रावण के पुष्पक विमान से जुड़े इसी तरह के सवालों के जवाब विज्ञान की सहायता से Youtube Channel “Yogic Movement” ने अपनी इस नीचे दी गई  विडिओ में दिए हैं | जिनसे यह कहा जा सकता है की रामायण काल में विमान से जुड़ी तकनीकें मौजूद थी | कृपया यह Video देखें और इस मुद्दे पर अपनी राय हमें जरूर बताएं |

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