Navratri Puja Vidhi : घर में नवरात्रि के लिए आसान और प्रभावी व्रत पूजा विधि
Navratri Puja Vidhi : नवरात्रि (Navratri), भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस दौरान भक्तजन नौ दिन तक उपवास रखते हैं, देवी माँ की पूजा करते हैं, और भक्ति गीत गाते हैं। नवरात्रि का यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार भी करता है।
नवरात्रि (Navratri) का महत्व
नवरात्रि (Navratri) का अर्थ है “नौ रातें,” और यह देवी दुर्गा की आराधना का एक महापर्व है। इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सृष्टि की शक्ति, ऊर्जा और नारीत्व का प्रतीक है। देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जो विभिन्न गुणों और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
1. शैलपुत्री: शक्ति और समर्पण की देवी।
2. ब्रह्मचारिणी: तप और साधना की देवी।
3. चंद्रघंटा: बलिदान और साहस की देवी।
4. कुष्मांडा: समृद्धि और स्वास्थ्य की देवी।
5. स्कंदमाता: मातृत्व और प्रेम की देवी।
6. कात्यायनी: साहस और संकल्प की देवी।
7. कालरात्रि: अंधकार से सुरक्षा की देवी।
8. महागौरी: शांति और शुद्धता की देवी।
9. सिद्धिदात्री: सिद्धियों और समृद्धि की देवी।
इन नौ दिनों में भक्तजन देवी माँ के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
पूजा सामग्री की सूची | Navratri Puja Vidhi
पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
1. कलश: मिट्टी का या पीतल का कलश।
2. मौली: कलश के लिए।
3. चावल: कलश के नीचे रखने के लिए।
4. हल्दी और कुमकुम: शुभता के लिए।
5. गंगा जल: कलश में डालने के लिए।
6. नारियल: कलश के ऊपर रखने के लिए।
7. जवारे: पूजा के लिए।
8. फूल: देवी को अर्पित करने के लिए।
9. दीपक: ज्योति के लिए।
10.भोग: जैसे फल, मिठाई आदि।
पूजा स्थान की तैयारी | Navratri Puja Vidhi
1. शुद्धता: पूजा स्थान को साफ और पवित्र रखें।
2. स्वस्तिक: पूजा स्थान पर स्वस्तिक बनाएं, यह शुभता का प्रतीक होता है।
3. आसाना: देवी माँ के लिए एक आसन या चौकी रखें।
कलश की स्थापना
चरण 1: कलश की तैयारी
1. कलश का चयन: सबसे पहले एक साफ कलश चुनें।
2. धुलाई: कलश को अच्छे से धोकर उसे साफ करें।
3. स्वस्तिक बनाना: पूजा स्थान पर स्वस्तिक बनाएं, यह शुभता का प्रतीक होता है।
चरण 2: सामग्री डालना
1. चावल और सामग्री डालें: कलश के नीचे चावल रखें, उसके बाद उसमें सिक्का, सुपारी और हल्दी डालें।
2. गंगा जल: कलश में गंगा जल डालें और उसे पानी से भरें, साथ ही सभी पवित्र नदियों का स्मरण करें।
चरण 3: नारियल रखना
1. नारियल का स्थान: नारियल को कलश के ऊपर रखें। नारियल का मुख पूजा स्थल की ओर होना चाहिए।
जवारे उगाना
चरण 1: जवारे की तैयारी
1. जवारे के लिए मिट्टी: मिट्टी या नमी वाली जगह पर जौ के दाने बोएं।
2. पानी देना: रोजाना इन्हें पानी दें और हल्दी-कुमकुम लगाते रहें।
पूजा विधि
गौरी-गणेश का आह्वान: पूजा की शुरुआत गणेश जी और माँ दुर्गा का आह्वान करके करें।
चरण 1: स्नान की प्रक्रिया
1. गणेश जी का स्नान: गणेश जी को दूध, दही, घी और शहद से स्नान कराएं।
2. माँ दुर्गा का स्नान: इसके बाद माँ दुर्गा को भी स्नान कराएं।
चरण 2: पूजा सामग्री
1. फूल अर्पित करें: गणेश जी को पीले फूल और माँ दुर्गा को लाल फूल अर्पित करें।
2. दीप जलाएं: पूजा के दौरान दीप जलाना न भूलें, यह आपके घर में रोशनी और सकारात्मकता लाएगा।
चरण 3: भोग और आरती
1. भोग चढ़ाएं: देवी जी को भोग अर्पित करें। फल, मिठाई, और अन्य खाद्य सामग्री चढ़ा सकते हैं।
2. आरती करें: पूजा के अंत में माता रानी की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें।
नवरात्रि (Navratri) के नौ दिन की पूजा विधि | Navratri Puja Vidhi
पहले दिन: शैलपुत्री की पूजा
1. पूजा विधि: पहले दिन शैलपुत्री की पूजा करें। उन्हें दूध और फल का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं शैलपुत्र्यै नमः।”
दूसरे दिन: ब्रह्मचारिणी की पूजा
1. पूजा विधि: ब्रह्मचारिणी को मिठाई और नारियल का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं ब्रह्मचारिण्यै नमः।”
तीसरे दिन: चंद्रघंटा की पूजा
1. पूजा विधि: चंद्रघंटा को लाल फूल और फल का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं चंद्रघंटायै नमः।”
चौथे दिन: कुष्मांडा की पूजा
1. पूजा विधि: कुष्मांडा को कद्दू का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं कुष्मांडायै नमः।”
पांचवे दिन: स्कंदमाता की पूजा
1. पूजा विधि: स्कंदमाता को संतरे और मीठे का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं स्कंदमातायै नमः।”
छठे दिन: कात्यायनी की पूजा
1. पूजा विधि: कात्यायनी को दही-चूड़ा का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं कात्यायन्यै नमः।”
सातवें दिन: कालरात्रि की पूजा
1. पूजा विधि: कालरात्रि को काले तिल और गुड़ का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं कालरात्र्यै नमः।”
आठवें दिन: महागौरी की पूजा
1. पूजा विधि: महागौरी को दूध और चावल का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं महागौर्यै नमः।”
नौवें दिन: सिद्धिदात्री की पूजा
1. पूजा विधि: सिद्धिदात्री को मीठे का भोग अर्पित करें।
2. मंत्र: “ॐ शं हं सिद्धिदात्री नमः।”
निष्कर्ष
Navratri Puja Vidhi : नवरात्रि की पूजा का यह सरल विधि न केवल आपको देवी माँ के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार भी करती है। इन नौ दिनों में की गई भक्ति और साधना आपके जीवन को सुख और समृद्धि से भर देगी।
नवरात्रि की शुभकामनाएँ! जय माता दी!