Maida Khane ke Fayde : क्या मैदा खाने का भी है कुछ फायदा या फिर यह है पूरी तरह से जहर

Maida Khane ke Fayde : क्या मैदा खाने का भी है कुछ फायदा या फिर यह है पूरी तरह से जहर

Maida Khane ke Fayde : क्या मैदा खाने का भी है कुछ फायदा या फिर यह है पूरी तरह से जहर

Maida Khane ke Fayde : आजकल मैदे को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां और चर्चाएं होती रहती हैं। कुछ लोग इसे पूरी तरह से अस्वास्थ्यकर मानते हैं, तो कुछ इसे एक ज़हर की तरह देखते हैं। लेकिन क्या मैदा वाकई इतना खराब है जितना कि हम मानते हैं? क्या इसकी कुछ विशेषताएं हैं, जिनके कारण यह हमारी रसोई में बार-बार इस्तेमाल होता है? आज हम मैदे से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि मैदा क्या है, इसका उपयोग क्यों होता है, और इसे किस तरह से सही तरीके से खाया जा सकता है।

मैदा कैसे बनता है?

मैदा (Maida Khane ke Fayde) असल में गेहूं के आटे से ही बनाया जाता है। जब गेहूं को पीसने के बाद उसके फाइबर (चोकर) को अलग कर दिया जाता है और उसे अधिक बारीक पीसा जाता है, तब हमें मैदा प्राप्त होता है। यह सफेद रंग का, मुलायम और चिकना आटा होता है। इसके उत्पादन के दौरान फाइबर को निकाल दिया जाता है, जिससे इसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। यही कारण है कि मैदे को अक्सर आटे से कम पौष्टिक माना जाता है।

मैदे की विशेषताएं और उपयोग

मैदे में एक महत्वपूर्ण गुण (Maida Khane ke Fayde) है – उसकी “स्टिकनेस” यानी चिपचिपाहट। इस विशेषता के कारण मैदे से कई प्रकार की स्वादिष्ट डिश बनाई जा सकती हैं।

  1. नूडल्स और मोमोज: मैदे का उपयोग नूडल्स और मोमोज बनाने में होता है क्योंकि यह सामग्री को चिपका कर रखता है।
  2. रुमाली रोटी: मैदे की लोचदारता इसे रुमाली रोटी जैसे पतले और मुलायम ब्रेड बनाने के लिए आदर्श बनाती है।
  3. बेकरी आइटम्स: मैदे का उपयोग केक, कुकीज़, पेस्ट्री और ब्रेड में होता है क्योंकि यह उन्हें हल्का और फूला हुआ बनाता है।
  4. स्नैक्स और स्ट्रीट फूड: समोसा, कचौड़ी और नमकीन जैसी चीजें भी मैदे से तैयार की जाती हैं।

मैदा बनाम गेहूं का आटा

यह समझना जरूरी है कि मैदा (Maida Khane ke Fayde) और गेहूं के आटे में क्या अंतर है।

  • गेहूं के आटे में प्राकृतिक फाइबर, विटामिन और खनिज मौजूद रहते हैं।
  • मैदा से फाइबर निकाल दिया जाता है, जिससे यह अधिक कैलोरीयुक्त हो जाता है।

100 ग्राम गेहूं के आटे में लगभग 3.8 ग्राम फाइबर होता है, जबकि मैदे में यह फाइबर लगभग न के बराबर होता है। इसके अलावा, 100 ग्राम गेहूं के आटे में लगभग 300 कैलोरी होती हैं जबकि मैदे में 364 कैलोरी होती हैं। इसका मतलब यह हुआ कि मैदे (Maida Khane ke Fayde) में केवल फाइबर की कमी है, लेकिन शुद्ध मैदा में कोई हानिकारक तत्व नहीं होता।

क्या मैदा स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है?

मैदा (Maida Khane ke Fayde) अपने आप में नुकसानदायक नहीं है। समस्या तब होती है जब आप इसका आपके शारीरिक स्वास्थ्य परिस्थतियों के विपरीत अधिक मात्रा में सेवन करते हैं और अपने भोजन में फाइबर की कमी कर देते हैं।

मैदा  खाने से जुड़ी आम भ्रांतियां:

  1. मैदा मोटापा बढ़ाता है: मैदे (Maida Khane ke Fayde) में अधिक कैलोरी होती है, लेकिन यदि इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए और फाइबर के साथ संतुलित किया जाए तो यह मोटापा नहीं बढ़ाता।
  2. मैदा ब्लड शुगर बढ़ाता है: चूंकि मैदे में फाइबर नहीं होता, इसलिए यह जल्दी पचता है और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। लेकिन यदि इसे सलाद, सब्जियों और प्रोटीन के साथ खाया जाए, तो यह समस्या कम हो जाती है।
  3. मैदा पाचन के लिए खराब है: फाइबर की कमी के कारण मैदे का पाचन धीमा हो सकता है। लेकिन अगर इसे संतुलित आहार में शामिल किया जाए, तो यह हानिकारक नहीं होता।

मैदे को संतुलित तरीके से खाने का तरीका

यदि आप मैदे (Maida Khane ke Fayde) से बनी चीजें खाना पसंद करते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं। आप कुछ आसान तरीकों से इसे संतुलित कर सकते हैं:

  1. फाइबर की पूर्ति करें: मैदे के साथ सब्जियां, सलाद और फाइबर युक्त चीजें खाएं। उदाहरण के लिए:
    • नूडल्स में ढेर सारी सब्जियां मिलाएं।
    • मैदे की ब्रेड का सैंडविच बनाते समय उसमें टमाटर, खीरा, पत्तागोभी और अन्य सब्जियां डालें।
  2. फल खाएं: मैदे से बनी चीजें खाने के बाद ताजे फल खाएं। यह आपके आहार में फाइबर की कमी को पूरा करेगा।
  3. संतुलन बनाएं: हफ्ते में 1-2 बार ही मैदे का सेवन करें और बाकी समय गेहूं के आटे से बनी चीजें खाएं।

क्या मैदा पूरी तरह से टालना जरूरी है?

अगर आप को बढ़े हुए केलोस्ट्रॉल, फैटी लिवर, डाइबीटीज़ या ह्रदय से जुड़ी जैसी गंभीर समस्या नहीं है तो, मैदे (Maida Khane ke Fayde) को पूरी तरह से त्यागने की आवश्यकता नहीं है। यह हमारी संस्कृति और भोजन का एक हिस्सा बन गया है। समस्या तब होती है जब हम इसे जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं और अपने आहार में फाइबर व पोषण की अनदेखी करते हैं।

याद रखें कि मैदा कोई जहर” नहीं है। यह गेहूं का ही एक रूप है, जिसमें फाइबर कम है। अगर आप इसे संतुलित मात्रा में खाएंगे और साथ में फाइबर, फल और सब्जियां शामिल करेंगे, तो मैदा (Maida Khane ke Fayde) आपके स्वास्थ्य को कम से कम नुकसान पहुंचाएगा।

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निष्कर्ष

मैदे (Maida Khane ke Fayde) को लेकर जो नकारात्मक धारणाएं फैली हुई हैं, वे पूरी तरह सही नहीं हैं। यह सच है कि इसमें फाइबर की कमी होती है, लेकिन इसे सही तरीके से खाने पर यह आपके शरीर के लिए हानिकारक नहीं होता।

तो अगली बार जब आप मैदे (Maida Khane ke Fayde) की रोटी, ब्रेड या नूडल्स खाएं, तो इसके साथ सब्जियां और फाइबर युक्त चीजें जरूर शामिल करें। संतुलित भोजन ही सही स्वास्थ्य का राज है।

नोट : इस ब्लॉग का मकसद मैदा खाने को बढ़ावा देना नहीं अपितु जो लोग स्वादवश अपने मन को नियंत्रण में नहीं रख पाते हैं, उन्हें मैदा खाने का सही तरीका बताना है जिससे उनके शरीर पर मैदा के दुष्प्रभावों को कम से कम किया जा सके ।