जीवन बदल जाएगा बस सद्गुरु की बताई ये 5 चीजें भगवान श्री कृष्ण से सीख लीजिए
आइए बताते हैं आपको वह 5 सीखें जो की भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हैं और सद्गुरु द्वारा उनके सत्संग में सभी के भले के लिए बताई गईं | अगर आप भी इन सीखों को अपने जीवन में उतारते हैं तो जीवन में बड़ी से बड़ी समस्या आने पर भी आप अपने आप मजबूत और संतुलित रख सकेंगे |
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Toggleभगवान श्री कृष्ण की कथा महाभारत के युद्ध के बीच में भले ही घटित हुई हो, लेकिन उनकी शिक्षा हमें जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बातों को सिखाती है। कुरुक्षेत्र का युद्ध, जिसमें पुरुषों की एक पूरी पीढ़ी समाप्त हो गई, एक ऐसी घटना है जिसे हम सदियों से याद करते आ रहे हैं। श्री कृष्ण की कहानी सिर्फ इस युद्ध की नहीं है, बल्कि जीवन को जीने के तरीके की भी है। आइए, हम समझते हैं कि श्री कृष्ण से हम क्या सीख सकते हैं।
1. जीवन में खुश रहना और आनंदित रहना
श्री कृष्ण की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा यह है कि जीवन के किसी भी क्षण में, चाहे परिस्थितियां कितनी भी विकट हों, हमें अपने भीतर की खुशी को बनाये रखना चाहिए। श्री कृष्ण ने अपने जीवन के हर पहलू को खेल की तरह लिया। उनके चारों ओर चाहे कितनी भी विकट परिस्थितियां रही हों, उन्होंने हमेशा अपने चेहरे पर एक मुस्कान बनाए रखी। वह युद्ध में थे, दुश्मनों का सामना कर रहे थे, फिर भी उनके चेहरे पर मुस्कान थी। यह दर्शाता है कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बावजूद, हमें अपनी आंतरिक खुशी को बनाए रखना चाहिए।
2. जीवन के खेल में पूरी तरह से शामिल होना
श्री कृष्ण हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में किसी भी चीज़ में पूरी तरह से शामिल होना चाहिए, लेकिन बिना उसमें उलझे हुए। जीवन को एक खेल की तरह जीने का मतलब है कि हम हर क्षण का आनंद लें, हर चुनौती का सामना करें, लेकिन उसमें इतना न उलझें कि वह हमें नियंत्रण में ले ले।
श्री कृष्ण की यह शिक्षा आज के युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। हमें जीवन में हर चीज़ में पूरी तरह से शामिल होना चाहिए, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, मामूली हो या महत्वपूर्ण। यह भागीदारी का मतलब यह नहीं है कि हम उन चीजों में उलझ जाएं। यह हमारे जीवन को अधिक आनंदमय और सफल बना सकता है।
3. आध्यात्मिकता को जीवन का हिस्सा बनाना
श्री कृष्ण की एक और महत्वपूर्ण शिक्षा यह है कि उन्होंने आध्यात्मिकता को जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने उत्तर भारत के मैदानों में 1000 से ज्यादा आश्रम स्थापित किए, ताकि आध्यात्मिकता केवल एक अलग प्रक्रिया न रहे, बल्कि जीवन का हिस्सा बन जाए।
श्री कृष्ण का मानना था कि अगर शासकों और नेताओं के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रवेश हो, तो समाज में स्वाभाविक रूप से सुधार होगा। आज के समय में, जब लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न साधनों की खोज करते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम आध्यात्मिकता को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
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4. संघर्षों में भी सकारात्मक रहना
श्री कृष्ण का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। जन्म से ही उन्हें मारने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बचपन से ही उन्होंने कई कठोर परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी मुस्कान नहीं खोई। उन्होंने हर कठिनाई का सामना एक उत्साह और सकारात्मकता के साथ किया।
यह सीख हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन में संघर्ष आ सकते हैं, मुश्किलें हो सकती हैं, लेकिन हमें हर परिस्थिति का सामना सकारात्मकता के साथ करना चाहिए।
5. सफलता का सही अर्थ समझना
श्री कृष्ण हमें यह सिखाते हैं कि सफलता का सही अर्थ केवल बाहरी उपलब्धियों में नहीं है, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने जीवन को किस तरह जीते हैं। क्या आप जीवन को जागरूकता और आनंद के साथ जीते हैं, या फिर जब जीवन आपको चुनौती देता है, तो आप एक जानवर की तरह प्रतिक्रिया करते हैं?
श्री कृष्ण का मानना था कि यदि आप अपने जीवन को जागरूकता और संतुलन के साथ जीते हैं, तो आप वास्तव में सफल हैं। जीवन के हर पहलू में, चाहे वह प्रेम हो, युद्ध हो, या कोई अन्य परिस्थिति, हमें संतुलित और जागरूक रहना चाहिए।
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निष्कर्ष
भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा हमें यह सिखाती है कि जीवन को कैसे जिया जाए। वह हमें सिखाते हैं कि कैसे कठिनाइयों के बीच भी मुस्कान बनाए रखी जा सकती है, कैसे जीवन के हर पहलू में पूरी तरह से शामिल होकर भी उसमें उलझे बिना जीया जा सकता है।
श्री कृष्ण की शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और हमें एक सफल, संतुलित और आनंदमय जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं। अगर हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं, तो हम भी अपने जीवन को एक खेल की तरह आनंदमय बना सकते हैं, जैसा कि श्री कृष्ण ने किया था।