Janmashtami 2024 : कृष्ण जन्माष्टमी व्रत करने से पहले जान लें करने कि सही विधि | मिलेगा सम्पूर्ण लाभ

Janmashtami 2024

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) व्रत कैसे मनाएं: एक पूर्ण मार्गदर्शिका

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024), भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। यह दिन हर भक्त के लिए अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह भगवान की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, व्रत और विशेष आरती की जाती है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) व्रत को कैसे मनाना चाहिए और किस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न किया जा सकता है।

 1. ब्रह्ममुहूर्त में उठना

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन का आरंभ ब्रह्ममुहूर्त में होना चाहिए, जो कि सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है। इस समय उठकर भगवान श्रीकृष्ण की मंगला आरती करना अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है। आरती के बाद “हरे कृष्ण हरे कृष्ण. कृष्ण कृष्ण हरे हरे. हरे राम हरे राम. राम राम हरे हरे” मंत्र का जप करना बेहद महत्वपूर्ण है। यह मंत्र भगवान के नाम की महिमा का गुणगान करता है और भक्त के मन को शांति प्रदान करता है।

 2. मंदिर में सेवा और भक्ति

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन, जितना संभव हो सके, पास के किसी कृष्ण मंदिर में जाकर अपनी सेवाएं दें। मंदिर में भक्तों के साथ मिलकर भगवान की आराधना करें, कीर्तन में भाग लें और भक्ति में लीन हो जाएं। मंदिर में सेवा करने से न केवल आपकी भक्ति पूर्ण होती है, बल्कि वहाँ उपस्थित अन्य भक्तों के लिए भी यह पर्व आनंदमय हो जाता है।

 3. घर पर ठाकुर जी की सेवा

यदि आप मंदिर नहीं जा सकते हैं, तो अपने घर पर ही ठाकुर जी की सेवा कर सकते हैं। घर में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर सजाएं, ताजे फूलों की माला बनाकर उन्हें अर्पित करें और घर में बने दो व्यंजनों का भोग लगाएं। भगवान को प्रसन्न करने के लिए बाजार से मिठाई लाने की बजाय, घर पर बने व्यंजनों का भोग लगाना अधिक उचित होता है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण केवल प्रेम के भूखे होते हैं।

 4. कीर्तन और भजन

भगवान का कीर्तन और भजन जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन विशेष महत्व रखता है। कीर्तन से भगवान के दिव्य नाम की महिमा का गुणगान होता है, जो भक्त के मन को शांति और आनंद प्रदान करता है। आप अपने परिवार के साथ मिलकर भजन-कीर्तन कर सकते हैं या फिर मंदिर में हो रहे कीर्तन का लाइव टेलीकास्ट देखकर भी भक्ति में लीन हो सकते हैं।

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 5. व्रत और उपवास

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन व्रत रखना अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है। यदि आप पूरे दिन व्रत नहीं रख सकते हैं, तो केवल फलाहार करें। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12:00 बजे हुआ था, इसलिए इस समय तक व्रत रखने का प्रयास करें। व्रत के दौरान केवल फल, दूध और उपवास के लिए अनुमोदित खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

 6. भगवान का अभिषेक और पूजा

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करना भी महत्वपूर्ण है। उनके विग्रह को नए वस्त्र पहनाएं और विशेष आरती करें। यदि संभव हो, तो रात्रि 12:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण की महामंगला आरती करें। यदि आप इस समय पूजा नहीं कर सकते, तो अगले दिन सुबह अभिषेक और पूजा कर सकते हैं।

 7. दान का महत्व

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन दान का भी विशेष महत्व है। अपनी श्रद्धा अनुसार इस दिन दान अवश्य करें। दान देने से आपकी भक्ति और पुण्य में वृद्धि होती है। याद रखें, दान केवल धन का नहीं, बल्कि सेवा, समय और वस्त्र का भी हो सकता है। जो भी आपके पास है, उसे भगवान के प्रति श्रद्धा के साथ दान करें।

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 निष्कर्ष

जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का एक महान अवसर है। इस दिन, अपने सभी कार्यों को छोड़कर भगवान की सेवा में लीन हो जाएं। मंदिर में सेवा करें, व्रत रखें, कीर्तन में भाग लें और भगवान के दिव्य नाम का गुणगान करें। इस प्रकार, आप भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और इस जीवन में सुख और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

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