सद्गुरु से जाने खाना खाने का सही समय और तरीका | 90% ज्यादा समस्याएं खत्म हो जाएंगी
खाना खाने का सही समय और तरीका : सद्गुरु के अनुसार, सही समय पर भोजन करने का हमारे शरीर और मन पर गहरा प्रभाव होता है। अगर हम ध्यानपूर्वक और अनुशासन से भोजन करें, तो हमारी आधी से अधिक स्वास्थ्य समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो सकती हैं। सद्गुरु का मानना है कि अगर हम सही तरीके से भोजन की आदत डालें और कुछ अन्य कठोर उपाय अपनाएं, तो हम अपने स्वास्थ्य की 90% समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। यह ज्ञान वह पिछले 40 सालों से साझा कर रहे हैं और हजारों लोग इस सिद्धांत का पालन करके एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
योग केंद्र में कैसे खाया जाता है खाना
सद्गुरु के ईशा योग केंद्र में एक विशिष्ट दिनचर्या का पालन किया जाता है, जहां लोग सुबह 10 बजे और शाम को 7 बजे भोजन करते हैं। इसके अलावा, योग केंद्र में हर समय शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रहना भी आवश्यक है। आश्रम के अंदर लोग साइकिल चलाते हैं या पैदल चलते हैं, और हर काम के लिए उन्हें एक किलोमीटर या उससे अधिक चलना पड़ता है। यह उनके शरीर को सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर बनाए रखने में मदद करता है।
खाना खाने का सही समय और तरीका
खाली पेट और भूख के बीच का अंतर
सद्गुरु कहते हैं कि “पेट खाली होना और भूख लगना दो अलग-अलग चीजें हैं।” जब पेट खाली होता है, तो शरीर बेहतर काम करता है और ऊर्जा का स्तर बनाए रहता है। योग विज्ञान और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात से सहमत हैं कि खाली पेट रहना शरीर और मस्तिष्क के सर्वोत्तम कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सद्गुरु यह सुनिश्चित करते हैं कि खाना खाने के दो से ढाई घंटे बाद पेट पूरी तरह से खाली हो जाए, जिससे शरीर पुनः काम करने के लिए तैयार हो सके।
नींद पर असर
सद्गुरु का मानना है कि जब पेट खाली होता है, तो नींद बेहतर और गहरी होती है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव में बताया है कि उन्होंने जीवन के एक बड़े हिस्से में केवल ढाई से तीन घंटे की नींद ली है, और फिर भी उनका स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर बहुत अच्छा है। उनका मानना है कि सोते समय पेट खाली रखना आवश्यक है क्योंकि यह शरीर को खुद को पुनर्जीवित करने का समय और अवसर देता है।
खाना खाने का सही समय और तरीका
अत्यधिक खाने की समस्या
आजकल, बहुत से लोग अपनी जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं। सद्गुरु का कहना है कि यह शरीर को ठीक से काम करने में बाधा डालता है। उनका कहना है कि अगर हम अपने शरीर को कम से कम 8 घंटे के अंतराल पर भोजन देने की आदत डालें, तो हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा। जब हम शरीर को ज्यादा ईंधन देते हैं, तो यह कुशलता से काम नहीं कर पाता और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। सद्गुरु इस बात पर जोर देते हैं कि एक स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए भोजन को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है।
भोजन के बीच अंतराल का लाभ
सद्गुरु की सलाह है कि एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच कम से कम 8 घंटे का अंतराल होना चाहिए। इस तरह की दिनचर्या अपनाने से शरीर को समय मिलता है खुद को शुद्ध करने का, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती हैं। अगर लोग इस प्रक्रिया का पालन करें, तो उनकी आधी स्वास्थ्य समस्याएं छह हफ्तों में समाप्त हो सकती हैं। जो लोग थोड़ा कठोर अनुशासन और योग अभ्यास भी अपनाते हैं, वे 90% समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
खाना खाने का सही समय और तरीका
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
सद्गुरु बताते हैं कि आजकल की हेल्थकेयर प्रणाली इस तरह बन गई है कि लोग हर तरह का खाना खाते हैं और फिर डॉक्टरों के पास जाकर इलाज की उम्मीद करते हैं। वह कहते हैं कि असली सेहत शरीर के भीतर से आती है, बाहरी मदद केवल तब ली जानी चाहिए जब अत्यधिक आवश्यकता हो। यदि आप हर समय बीमार महसूस करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर सही से काम नहीं कर रहा है और इसे सही दिशा में ले जाने की जरूरत है।
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निष्कर्ष
खाना खाने का सही समय और तरीका : सद्गुरु के अनुसार, सही समय पर भोजन करना, पेट को खाली रखना, और खाने के बीच लंबा अंतराल रखना हमारे शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जावान और स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर हम इस अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बना लें, तो हमारी अधिकांश स्वास्थ्य समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी, और हम एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।