IIT BABA की परछाई बना कौन है यह लड़का ? जान कर चौंक जाओगे

IIT BABA की परछाई कौन है ये लड़का ? जान कर चौंक जाओगे |

IIT BABA की परछाई बना कौन है यह लड़का ? जान कर चौंक जाओगे

IIT BABA : आज हम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी पर चर्चा करेंगे, जिसने अपनी कठिनाइयों और संघर्षों से गुजरते हुए सफलता की ऊँचाइयों को छुआ। यह कहानी सिर्फ एक छोटे से व्यापारी की नहीं है, बल्कि यह उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों के बावजूद अपनी मंजिल तक पहुँचने की कोशिश करते हैं। हम बात कर रहे हैं रोहित शर्मा की, जिन्हें आज अधिकांश लोग “रोहित चायवाला” के नाम से जानते हैं। लेकिन उनकी सफलता का रास्ता इतना आसान नहीं था। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्षों से यह सफलता हासिल की, और इस सफर में उनका IIT BABA के साथ जुड़ाव किस तरह उनके जीवन में बदलाव लाया।

रोहित शर्मा का संघर्ष और संघर्ष के पीछे की प्रेरणा

रोहित शर्मा का जीवन एक मध्यवर्गीय परिवार में शुरू हुआ था। उनका परिवार आर्थिक रूप से स्थिर नहीं था, और छोटे-मोटे व्यापार से उनका गुजर-बसर होता था। जैसे ही रोहित ने बड़े सपने देखना शुरू किया, उनके जीवन में कई मुश्किलें आईं। उनके पिता एक केमिस्ट थे, लेकिन कुछ आर्थिक फैसलों के कारण उनकी स्थिति बहुत बिगड़ गई। एक सलाह के तहत, उन्होंने अपना छोटा व्यापार छोड़कर एक बड़ी इंडस्ट्री शुरू करने का फैसला किया, लेकिन वह भी जल्दी ही असफल हो गया। इसके बाद उनके परिवार को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।

इसके बाद, रोहित को कई बार अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए जीवन में कुछ ठोस कदम उठाने पड़े। एक दिन एक रिश्तेदार ने उन्हें सलाह दी कि वे पढ़ाई छोड़कर अपने पिता का बिजनेस संभालें। रोहित ने यह फैसला लिया, लेकिन जल्द ही उन्हें यह महसूस हुआ कि व्यापार के बारे में उनकी कोई खास जानकारी नहीं थी। बिजनेस में असफलता का सामना करने के बाद, रोहित के सामने आर्थिक संकट और मानसिक दबाव बहुत बढ़ गया।

IIT BABA से हुआ जुड़ाव

रोहित की जिंदगी में एक मोड़ तब आया, जब वह महाकुंभ के दौरान IIT BABA से मिले। IIT BABA, जिनका असली नाम अभय सिंह है, उनके जीवन में एक नया दृष्टिकोण लेकर आए। रोहित शर्मा के अनुसार, “शुरुआत में तो अपने गुरुदेव का आदेश मानकर मैं आपकी सेवा में लगा था, लेकिन जब आपके साथ रहा, तो आपके भीतर की शुद्ध चेतना, जगत कल्याण के प्रति आपके पवित्र भाव और शिवोहम देख कर मैंने आपको महादेव मानकर निःस्वार्थ प्रेम किया।” यही वह भावनाएँ थीं, जिन्होंने IIT BABA को रोहित के लिए एक गुरू के रूप में स्थापित किया।

IIT BABA के साथ जुड़ने के बाद, रोहित को जीवन के प्रति एक नई सोच और दिशा मिली। उन्होंने महसूस किया कि जीवन में कठिनाइयाँ आना स्वाभाविक है, लेकिन अगर आप अपनी मेहनत और सकारात्मकता से काम करें, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती। यह समय था, जब रोहित ने अपने पुराने कर्ज और संघर्षों को नजरअंदाज करके एक नए रास्ते की ओर कदम बढ़ाए।

चायवाले का सफर

रोहित की जिंदगी में सबसे बड़ा बदलाव तब आया, जब उन्होंने चाय का व्यापार शुरू करने का निर्णय लिया। एक दिन उनके व्हाट्सएप पर एक वीडियो आया, जिसमें एक छोटे चायवाले की कहानी थी, जिसने अपनी मेहनत और अनोखी तंदूरी चाय से सफलता पाई थी। यह वीडियो देखकर रोहित को प्रेरणा मिली और उन्होंने भी चाय बेचने का निर्णय लिया। हालांकि, इस फैसले को लेकर समाज और रिश्तेदारों ने उन्हें ताने दिए और उनका मजाक उड़ाया। लेकिन रोहित ने इन सब बातों को नजरअंदाज किया और अपने रास्ते पर चलने का निर्णय लिया।

रोहित ने जयपुर में अपना चाय का बिजनेस शुरू किया। लेकिन एक नया संकट सामने आया। उनके दादा का एक्सीडेंट हो गया और चाय के बिजनेस के लिए जो पैसे इकट्ठा किए थे, वह इलाज में खर्च हो गए। इसके बावजूद, रोहित ने हार मानने की बजाय नए सिरे से बिजनेस की योजना बनाई और कुछ समय बाद उन्होंने कर्ज़ लेकर चाय का बिजनेस शुरू किया।

कर्ज़ और मानसिक दबाव

चाय के व्यापार में कर्ज़ लेना रोहित के लिए एक बड़ा कदम था। लेकिन ब्याज की दर इतनी ज्यादा थी कि हर महीने उन्हें ₹40,000 से ₹50,000 तक चुकाने पड़ते थे। धीरे-धीरे यह कर्ज़ बढ़ता गया और मानसिक दबाव इतना बढ़ गया कि रोहित आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगे। इस कठिन समय में उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया और वे पैरालिसिस के शिकार हो गए।

लेकिन इस समय उनकी पत्नी ने अपनी गहनों को गिरवी रखकर रोहित की मदद की और इस संकट से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया। यह उनके जीवन का अहम मोड़ था, जहाँ से उन्होंने फिर से संघर्ष करने का इरादा किया और अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़े।

सफलता की ओर बढ़ते कदम

रोहित शर्मा के संघर्ष ने आखिरकार रंग लाया। उनके चाय का व्यापार धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ने लगा। आज, रोहित शर्मा एक सफल चाय व्यापारी हैं और उनका व्यापार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। उनकी सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में अगर आपके अंदर सच्ची मेहनत, लगन और संघर्ष करने का जज्बा हो, तो कोई भी समस्या आपको रोक नहीं सकती।

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रोहित शर्मा से सिखने योग्य बातें

रोहित शर्मा की यात्रा हमें यह सिखाती है कि सफलता पाने के लिए हमें अपनी असफलताओं से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें अपनाना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए। उनके जीवन में हर मुश्किल ने उन्हें एक नई दिशा दी और उन्होंने हर बार उन समस्याओं का सामना किया। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें कभी भी किसी के ताने और आलोचनाओं को अपने रास्ते का रोड़ा नहीं बनने देना चाहिए।

तो दोस्तों, इस प्रेरणादायक कहानी को आप भी अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें और उन्हें यह बताएं कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।

जय श्री कृष्ण!

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया