Bageshwar Dham : धीरेन्द्र शास्त्री के भाई शालिग्राम ने तोड़ दिया भाई-भाई का रिश्ता | यह थी मुख्य वजह
Bageshwar Dham : बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के छोटे भाई शालिग्राम ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सभी को चौंका दिया। इस वीडियो में उन्होंने ऐलान किया कि अब उनका अपने भाई, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि उनकी वजह से बागेश्वर धाम और सनातनी हिंदुओं की छवि धूमिल हुई है, और इसी कारण से वह अपने पारिवारिक रिश्ते हमेशा के लिए खत्म कर रहे हैं।
शालिग्राम का बयान
शालिग्राम ने वीडियो में कहा, “सभी सनातनी हिंदुओं की आस्था और श्री बागेश्वर धाम बालाजी की महिमा हमारे कारण धूमिल हुई है। इसलिए, मैं पूज्य बालाजी सरकार और बागेश्वर महाराज (Bageshwar Dham) से क्षमा मांगता हूं। लेकिन आज से मैं या मेरे किसी भी विषय को बागेश्वर धाम या महाराज जी से नहीं जोड़ा जाए। मैंने फैमिली कोर्ट में भी आवेदन दे दिया है कि मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला उनके और बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) की छवि को बचाने के लिए लिया गया है।
बागेश्वर धाम की प्रतिक्रिया
इस विवाद पर बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से भी बयान जारी किया गया। उन्होंने कहा कि शालिग्राम द्वारा दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उनके अनुसार, शालिग्राम का उद्देश्य केवल अपनी गलतियों के लिए माफी मांगना था, न कि रिश्तों को समाप्त करना। बागेश्वर धाम के बयान में कहा गया, “मीडिया और कुछ चैनलों पर जो वीडियो दिखाया जा रहा है, वह गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। शालिग्राम जी ने केवल यह कहा था कि उनकी व्यक्तिगत गलतियों के लिए बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) जिम्मेदार नहीं है।”
विवाद की पृष्ठभूमि
शालिग्राम पिछले कुछ समय से कई विवादों में घिरे हुए हैं। इन विवादों के चलते उन्हें पुलिस थाने के चक्कर भी काटने पड़े हैं। इसके कारण बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) की छवि को ठेस पहुंची है। इन परिस्थितियों में, शालिग्राम ने खुद को धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) और बागेश्वर धाम से अलग करने का निर्णय लिया।
समाज और साधु-संतों की प्रतिक्रिया
यह घटना सनातनी समाज और साधु-संतों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। कई लोगों ने शालिग्राम के इस फैसले को सही ठहराया, जबकि कुछ ने इसे परिवार की आपसी समस्याओं का परिणाम बताया। दूसरी ओर, धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के आलोचकों ने इस विवाद को उनके परिवार की एकता पर सवाल उठाने का मौका बना लिया। उनका कहना है कि जो व्यक्ति अपने परिवार को नहीं जोड़ सकता, वह सनातनी समाज को कैसे एकजुट करेगा।
विवाद का प्रभाव
यह विवाद बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) और धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की छवि पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। उनके अनुयायियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। धीरेंद्र शास्त्री के समर्थकों का कहना है कि यह विवाद उनके प्रयासों को कमजोर करने की साजिश हो सकती है। वहीं, उनके विरोधी इस घटना को उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाने का माध्यम बना रहे हैं।
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निष्कर्ष
बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) और धीरेंद्र शास्त्री के छोटे भाई शालिग्राम के बीच का यह विवाद केवल एक पारिवारिक मामला नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव समाज और धर्म पर भी पड़ रहा है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याओं का हल कैसे निकाला जाए ताकि धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं की छवि प्रभावित न हो। हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री और बागेश्वर धाम के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन यह देखना होगा कि वे इस स्थिति को कैसे संभालते हैं।