आठ मुखी रुद्राक्ष के 8 फायदे और धारण करने की विधि | 8 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
आठ मुखी रुद्राक्ष : आध्यात्मिकता और ज्योतिष में रुद्राक्ष का विशेष स्थान है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, बल्कि विभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं से निपटने में भी सहायक है। रुद्राक्ष के विभिन्न मुख होते हैं, जिनमें से आठ मुखी रुद्राक्ष विशेष महत्व रखता है। आज हम इस ब्लॉग में आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ (8 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi), इसकी पहचान और धारण विधि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
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Toggleआठ मुखी रुद्राक्ष की पहचान
आठ मुखी रुद्राक्ष (8 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi) की पहचान करने के लिए, इसके ऊपर की सतह पर आठ स्पष्ट रेखाएं होनी चाहिए। ये रेखाएं एक समान और सीधी होनी चाहिए। रुद्राक्ष का अर्थ है “रुद्र के आंसू”, जो भगवान शिव से जुड़े हुए हैं। यह रुद्राक्ष भारत और नेपाल में पाया जाता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ (8 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)
1.संकटों से रक्षा: आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं और संकट दूर होते हैं। यह रुद्राक्ष विषम परिस्थितियों में सहायक होता है।
2.धन और समृद्धि: इसे पहनने वाले को व्यापार और रोजगार में लाभ की प्राप्ति होती है। लॉटरी और शेयर बाजार में निवेश करने पर सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
3.राहु के दुष्प्रभाव से सुरक्षा: आठ मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह राहु है। इसे धारण करने से राहु के दुष्प्रभावों से बचाव होता है, जिससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
4.स्वास्थ्य लाभ: यह रुद्राक्ष फेफड़ों, लीवर, पेट की समस्याओं और अन्य बीमारियों में सुधार लाने में सहायक होता है। विशेष रूप से अस्थमा और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों में लाभदायक है।
5.आध्यात्मिक विकास: इस रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की मानसिक शक्ति और ध्यान क्षमता में वृद्धि होती है। यह आत्मज्ञान और सच्चाई की ओर मार्गदर्शन करता है।
6.नकारात्मकता का नाश: यह रुद्राक्ष नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करने में सहायक है। यह व्यक्ति में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच विकसित करता है।
7.पारिवारिक समस्याओं का समाधान: आठ मुखी रुद्राक्ष घर में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है, जिससे पारिवारिक समस्याएं कम होती हैं।
8.मृत्यु के बाद का स्थान: ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति आठ मुखी रुद्राक्ष का धारण करता है, उसे मृत्यु के बाद भगवान शिव के चरणों में स्थान मिलता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
1.धारण का समय: आठ मुखी रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष में सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
2.शुद्धिकरण: सबसे पहले रुद्राक्ष को गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से शुद्धिकरण करें।
3.पूजा विधि: रुद्राक्ष को पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठकर स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल से पुनः शुद्ध करें और फिर इसे लाल पुष्पों और बेलपत्र से पूजें।
4.मंत्र जप: इसके बाद, इस मंत्र का जप करें:
“`
ओम ह्लीं ह्लीं नमः
“`
इसे एक माला या तीन माला जपना चाहिए।
5.धारण करना: पूजा के बाद, रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में बांधकर गले में पहनें। आप इसे सोने या चांदी की चैन में भी पहन सकते हैं।
असली आठ मुखी रुद्राक्ष कहाँ से खरीदें?
आठ मुखी रुद्राक्ष आप अपने स्थानीय बाजार से खरीद सकते हैं, लेकिन केवल उसी दुकान से लें जो कई पीढ़ियों से इस कार्य में संलग्न हो। इससे आपको असली रुद्राक्ष प्राप्त होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि आजकल बाजार में रुद्राक्ष के नाम पर नकली प्लास्टिक के या भद्राक्ष, जो दिखने में रुद्राक्ष जैसे होते हैं, भी बेचे जा रहे हैं।
यदि आप ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं, तो आप mygyanalaya.in वेबसाइट से भी इसे मंगवा सकते हैं। यह प्रतिष्ठान तीन पीढ़ियों से इस क्षेत्र में सेवाएं दे रहा है और अब इसकी सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। साथ ही, यहां निशुल्क पंडित जी हेल्पलाइन भी दी जाती है, जहां से आप अनुभवी पंडितों से संपर्क करके रुद्राक्ष से संबंधित किसी भी प्रकार की सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
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निष्कर्ष
आठ मुखी रुद्राक्ष न केवल एक आध्यात्मिक वस्तु है, बल्कि यह जीवन में अनेक लाभ भी प्रदान करता है। इसके उपयोग से आप न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बना सकते हैं। इसे धारण करने से पहले सही विधि का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आपको इसके पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकें